राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के सीओओ तूफान घोष ने पृथ्वी शॉ के निलंबति होने के बाद उनके अकादमी में ट्रेनिंग करने पर सवाल पर चुप्पी साध ली है. भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने 17 जुलाई को एक फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था जिसमें शॉ, धवन और उमेश यादव के साथ दिखाई दे रहे है जबकि बीसीसीआई ने शॉ को 16 जुलाई को ही डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के कारण उन्हें निलंबित कर दिया था. जब शॉ को 16 जुलाई को ही निलंबित कर दिया था तब वह 17 जुलाई को एनसीए में क्या कर रहे थे, इस सवाल पर घोष कोई भी जबाव नहीं दे रहे हैं.
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जब घोष से इस मुद्दे पर सवाल किए गए तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा, "मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता. मैं इस मुद्दे पर बात करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हूं, आप बीसीसीआई से बात कीजिए." उनसे जब पूछा गया कि क्या आपको प्रतिबंध के बारे में बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने बताया तो घोष ने फोन काट दिया. बीसीसीआई के पदाधिकारी ने बताया कि बोर्ड के एंटी डोपिंग मैनेजर, कानूनी टीम और सीईओ को इस पूरी प्रक्रिया के बारे में पता था और शॉ के निलंबित होने के बाद एनसीए में ट्रेनिंग करने का सवाल ही नहीं उठता.
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पदाधिकारी ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो यही लोग हैं जिन्हें इस पूरी प्रक्रिया के बारे में पता था. शॉ को तुरंत प्रभाव से एनसीए और बोर्ड की अन्य सुविधाओं से बाहर कर देना चाहिए था." बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि हाल के दिनों में एनसीए में जिस तरह की चीजें हुई हैं वह गैर-पेशेवर हैं और शॉ का निलंबन के बाद भी अकादमी में ट्रेनिंग करना इसका एक और उदाहरण है. अधिकारी ने कहा, "मुझे लगता है कि एनसीए इस समय एक द्वीप बन चुका है और सीओओ उस द्वीप के अंदर एक और द्वीप बन चुके हैं."
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अधिकारी ने कहा, "यह भारत की बाकी क्रिकेट से अलग राह पर है. एनसीए के पास रिहैब के लिए अच्छी सुविधाएं हैं लेकिन जो खिलाड़ी यहां रिहैब के लिए आ रहे हैं वो पर्यटक की तरह आ रहे हैं जैसे किसी द्वीप पर जाते हैं. एक पल के लिए यह बात भूल जाते हैं कि शॉ का फैसला कब आया. मैं यह बात समझ नहीं पा रहा हूं कि जब शॉ को 16 जुलाई को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था तब कैसे वो एनसीए में ट्रेनिंग करते रहे? सीईओ राहुल जौहरी और एनसीए के सीओओ घोष के बीच में क्या कुछ भी बात नहीं हुई."
Source : IANS