श्रीलंका (Sri lanka) और न्यूजीलैंड के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच ड्रॉ रहा. मैच के पांचवें दिन बुधवार को यहां बारिश के कारण केवल 13 ओवर का ही खेल हो पाया है. पांचवें दिन दूसरी पारी में मेहमान टीम का स्केार तीन विकेट के नुकसान पर 287 रन रहा. इस दौरान श्रीलंका (Sri lanka) ने एक अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. उसने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 23वीं बार और श्रीलंकाई इतिहास में चौथी बार ऐसा कारनामा किया कि जब पूरे दिन का खेल बिना किसी विकेट खोए निकल गया हो.
चौथे दिन शानदार बल्लेबाजी करते हुए रिकॉर्ड साझेदारी करने वाले कुसल मेंडिस (141 नाबाद) और एंजेलो मैथ्यूज (120 नाबाद) ने अंतिम दिन भी संभलकर बल्लेबाजी की और विकेट नहीं गिरने दिया.
इससे पहले 27 जुलाई 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलते हुए कुमार संगाकारा और जयवर्धने ने कोलंबो में दूसरे दिन खेलते हुए 357 रन की साझेदारी की.
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इस मैच में कुमार सांगकारा ने 287 और जयवर्धने ने 374 रन बनाकर तीसरे विकेट के लिए 624 रनों की पार्टनरशिप की. यह तीसरे विकेट के लिए की गई सबसे बड़ी साझेदारी है. उन्होंने इस मैच में 1997 में बनाए अपने पिछले 574 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ कर यह नया रिकॉर्ड बनाया.
1997 में भारत के खिलाफ खेलते हुए सनथ जयसूर्या और महानमा ने 574 रनों की साझेदारी की थी, जिसमें श्रीलंका (Sri lanka)ने 952/6 रन बनाकर पारी घोषित की. यह स्कोर आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर है.
मैथ्यूज और मेंडिस की इस जोड़ी ने श्रीलंका (Sri lanka)के लिए पहली बार यह कारनामा उप महाद्रीप के बाहर किया है.
श्रीलंका (Sri lanka)की पहली पारी 282 रनों पर ही सिमट गई थी जिसके जवाब में मेजबान टीम ने 578 रन बनाए. सलामी बल्लेबाज टॉम लेथम ने नाबाद 264 रनों की दमदार पारी खेली जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.
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श्रीलंका (Sri lanka)की दूसरी पारी की शुरुआत भी खराब रही थी और उसने 13 रनों के अंदर ही तीन विकेट खोए. हालांकि, मेंडिस और मैथ्यूज ने चौथे दिन बेहतरीन पारी खेली और बिना आउट हुए रिकॉर्ड साझेदारी की.
बता दें कि भारत के इतिहास में भी यह कारनामा 2 बार हुआ है. पहली बार 1982 में गुंडप्पा विश्वनाथ और यशपाल शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेलते हुए 217 रन की साझेदारी की और तीसरे दिन के खेल में बिना कोई विकेट खोए वापस आए.
वहीं दूसरी बार यह कारनामा भारतीय क्रिकेट के इतिहास की दिशा बदल देने वाला था. 2001 में फिक्सिंग स्कैंडल से जूझ रही भारतीय टीम पूरी तरह से बदली जा चुकी थी. क्रिकेट की दुनिया में वापसी की राह तलाश रही भारतीय टीम 2001 में जब ईडन गार्डन्स के मैदान पर उतरी तो शायद उसे भी यह अंदाजा नहीं था कि वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच की यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों बदलने वाला था.
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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे विकेट के लिए फॉलो ऑन में 335 रनों की साझेदारी करते हुए भारतीय टीम ने बड़े ही नाटकीय अंदाज में टेस्ट मैच में जीत दर्ज की थी और भारतीय फैन्स के दिलों में आशा की लहर दौड़ गई थी.
Source : News Nation Bureau