क्रिकेट मैच न होने से इनके सामने खड़ी हुई सबसे बड़ी समस्‍या, जानिए क्‍यों

कोरोना वायरस के कारण इस वक्‍त दुनियाभर में क्रिकेट बंद है. कहीं भी क्रिकेट नहीं हो रहा है. भारतीय टीम के खिलाड़ी भी अपने अपने घरों में हैं, हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने अब प्रैक्‍टिस शुरू की है.

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Pankaj Mishra
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प्रतीकात्‍मक फोटो ( Photo Credit : फाइल फोटो )

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कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण इस वक्‍त दुनियाभर में क्रिकेट बंद है. कहीं भी क्रिकेट नहीं हो रहा है. भारतीय टीम (Team India) के खिलाड़ी भी अपने अपने घरों में हैं, हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने अब प्रैक्‍टिस शुरू की है, लेकिन मैच कब होगा, यह किसी को नहीं पता. हालांकि मैच न होने से खिलाड़ियों को तो नुकसान है ही, साथ ही इस खेल से जुड़े अन्‍य लोगों के लिए भी मुसीबत खड़ी हो गई है.

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राष्ट्रीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय स्तर के मैचों में हाथ से स्कोर बोर्ड चलाकर अपनी आजीविका चलाने वाले राजकुमार लॉकडाउन के कारण खेल गतिविधियां बंद होने की वजह से इन दिनों मुफलिसी में दिन बिता रहे हैं. राजकुमार ने वर्ष 1996 में लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित शीश महल क्रिकेट टूर्नामेंट के एक मैच में मैनुअल स्कोर बोर्ड चलाकर अपने सफर की शुरुआत की थी. उनके कौशल को देखते हुए लखनऊ क्रिकेट संघ ने राजधानी के विभिन्न मैदानों पर आयोजित होने वाले क्रिकेट मैचों में स्कोर बोर्ड चलाने का जिम्मा उन्हें सौंपा था. उसके बाद उन्होंने लखनऊ में आयोजित कई अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय टूर्नामेंट में भी सफलतापूर्वक स्कोर बोर्ड संचालित किया. 

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राजकुमार ने भाषा को बताया कि उन्होंने पिछले साल नवंबर-दिसंबर में लखनऊ के इकाना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित हुए अफगानिस्तान-वेस्टइंडीज टेस्ट, वनडे और टी-20 मैचों में मैनुअल स्कोर बोर्ड संचालित किया था. उन्हें 17 मार्च को आयोजित होने वाले भारत-दक्षिण अफ्रीका वनडे मैच के लिए भी बुलावा आया था, लेकिन कोविड-19 महामारी फैलने की वजह से वह मैच टल गया. इसकी वजह से उन्हें जो कमाई होनी थी वह नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि डिजिटल स्कोर बोर्ड का चलन शुरू होने के बावजूद स्टेडियम के अंदर के दर्शक स्कोर जानने के लिए आमतौर पर मैनुअल स्कोरबोर्ड पर ही निर्भर करते हैं लिहाजा उसकी अहमियत अब भी बनी हुई है. वह लखनऊ में आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित शीश महल टूर्नामेंट के अलावा देवधर ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, महिला विश्वकप आदि के विभिन्न मैचों में भी स्कोरबोर्ड चला चुके हैं.

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उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती के रहने वाले रामकुमार की आर्थिक स्थिति लॉकडाउन के कारण खेल की गतिविधियां बंद होने की वजह से बेहद खराब हो गई है. उन्हें हर्निया की समस्या है लेकिन जो जमा पूंजी थी वह लॉकडाउन के दौरान खत्म हो गई है. ऐसे में ऑपरेशन कैसे कराएं. केडी सिंह बाबू स्टेडियम के गेट के पास बिस्किट, पानी वगैरह की एक छोटी सी दुकान चलाकर गुजारा कर रहे राजकुमार ने बताया कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद खेल परिसर और स्टेडियम बंद हैं. ऐसे में खिलाड़ियों तथा अन्य लोगों के स्टेडियम में न पहुंचने की वजह से कोई कमाई नहीं हो पा रही है. राजकुमार ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है उसे देखते हुए स्टेडियम के जल्द खुलने की कोई संभावना भी नजर नहीं आती. उन्होंने लखनऊ क्रिकेट संघ से भी मदद के लिये अपील की है.

Source : Bhasha

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