भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज शिखा पांडे का मानना है कि टी-20 विश्व कप फाइनल में उनकी टीम केवल फील्डिंग में ही नहीं बल्कि हर विभाग में ऑस्ट्रेलिया से कमतर साबित हुई. ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को यहां खेले गए फाइनल में भारत को 85 रन से हराकर रिकॉर्ड पांचवीं बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. शिखा ने कहा, "हम नर्वस नहीं थे. एक बार मैदान पर उतरने के बाद सहज हो जाते हैं. मुझे नहीं लगता है कि मुझे नर्वसनेस महसूस हुआ."
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टीम को खामियाजा भुगतना पड़ा
उन्होंने कहा, "शुरुआत में ही अगर आप बल्लेबाजों को इस तरह मौके देंगे तो वे इसका इस्तेमाल करके आप पर दबाव बनाएंगे ही. इसका हमें खामियाजा भुगतना पड़ा. हमें केवल फील्डिंग में ही बल्कि तीनों ही विभागों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए था." इस बीच, स्मृमि मंधाना ने कहा कि फाइनल में हार के बावजूद शेफाली वर्मा को अपने प्रदर्शन पर गर्व होना चाहिए.
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16 साल की शेफाली के नहीं रुक रहे थे आंसू
मंधाना ने कहा, "जब हम पदक हासिल कर रहे थे तब मैं और शेफाली एक साथ खड़े थे. वह रो रही थी. मैंने उसे कहा कि उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व करना चाहिए. 16 साल की उम्र में जब मैं अपना पहला विश्व कप खेली थी तब मैं शेफाली की तुलना में 20 प्रतिशत गेंद को भी हिट नहीं कर पाती थी. वह जिस तरह से आउट हुई, उससे वह बहुत निराश थी. वह अभी भी सोच रही है कि वह कैसे बेहतर हो सकती है. मैं केवल यही कह सकती हूं कि उन्हें अकेला छोड़ देना चाहिए."
Source : IANS