भारतीय पुरुष हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक में भले ही स्वर्ण और रजत पदक की दौड़ से बाहर हो गई है लेकिन उसके पास अभी कांस्य हासिल करने का मौका है, जहां उसे अधिक मौकों को भुनाने की जरूरत है।
भारत को आज सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम के हाथों 2-5 से हार का सामना करना पड़ा। गुरुवार को कांस्य पदक के मैच में भारत को जिन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है, आईएएनएस ने इसका विशलेषण किया है।
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम को 14 पेनल्टी कॉर्नर दिए जिसमें से तीन उसने गोल में बदले। भारत को पेनल्टी कॉर्नर कम देने की जरूरत है और खुद के लिए मौके को भुनाने की जरूरत है।
इसके साथ ही टीम को डिफेंसिव भूल को कम करने की जरूरत है। भारतीय डिफेंडरों ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन बेल्जियम के खिलाफ वे थोड़े कमजोर दिखाई दिए।
खिलाड़ियों को शारीरिक रूप से और मजबूत होने की भी जरूरत है। भारतीय फॉरवर्ड और डिफेंडर बेल्जियम के खिलाफ क्षमता के अनुरूप फीजिकल नहीं थे। टीम ने बेल्जियम के मिडफील्ड विश्ेषकर एंटोनी साइलवाएन कीना को अधिक स्पेस और उनके अटैक को कंट्रोल करने के लिए समय दिया।
भारतीय खिलाड़ी काउंटरअटैक को डिफेंड करने में भी थोड़े धीमे रहे जिसके कारण विपक्षी टीम को मौके भुनाने का अवसर मिला।
-- आईएएनएस
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Source : IANS