पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ऑस्ट्रेलिया के साथ तीसरे वनडे मैच में आर्मी कैप पहनने के भारतीय क्रिकेट टीम के फैसले पर निराशा जाहिर की है. रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, कुरैशी शनिवार को सुक्कुर में मीडिया से बात करते थे. वह भारतीय टीम पर खेल का 'राजनीतिकरण' करने का भी आरोप लगाने वाले पाकिस्तान सरकार के दूसरे मंत्री हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि भारतीय टीम रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान सेना की कैप पहनकर मैच खेलेगी. ऐसा पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए किया गया था.
ये भी पढ़ें- रांची वनडे में ARMY कैप पहनकर खेली थी टीम इंडिया, पाकिस्तान को लगी इतनी मिर्ची.. कर दी शिकायत
बीसीसीआई ने यह भी कहा था कि अब हर साल भारतीय टीम अपने घर में एक मैच में सेना जैसी कैप पहनकर मैदान पर उतरेगी. इसके पीछे मकसद सेना का सम्मान और उसके द्वारा दिए गए बलिदान को श्रद्धांजलि देना है. कुरैशी से पहले पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भी आईसीसी से रांची में ऑस्ट्रेलिया के साथ तीसरे वनडे मैच में आर्मी कैप पहनने के मामले में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. चौधरी ने भारतीय टीम पर खेल का 'राजनीतिकरण' करने का भी आरोप लगाया. चौधरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "यह सिर्फ क्रिकेट नहीं है." पाकिस्तान के अंग्रजी समाचार पत्र डॉन ने चौधरी के हवाले से लिखा, "कैप पहनकर भारतीय टीम ने इस खेल का राजनीतिकरण किया है."
ये भी पढ़ें- IND vs AUS 4th ODI: मोहाली में हारे तो विश्व कप की उम्मीदों पर लगेगा जोरदार झटका, अभी भी भूखे हैं कंगारू
उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) से आईसीसी के समक्ष भारत के खिलाफ औपचारिक विरोध दर्ज कराने का भी अनुरोध किया. चौधरी ने कहा, "अगर भारतीय टीम कैप पहनना बंद नहीं करती है तो पाकिस्तान टीम को भी काली पट्टी बांधकर खेलना चाहिए." पाकिस्तान के पत्रकार ओवैस तौहीद और मजहर अब्बास जैसे कई लोगों ने ऐसे ही विचार दिए हैं. तोहिद ने ट्वीट कर कहा, "विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे महान खिलाड़ियों के साथ भारतीय क्रिकेट टीम में युद्ध उन्माद जैसी स्थिति को देखकर दुखी हूं. हीरो को इस की तरह का काम नहीं करना चाहिए." अब्बास ने आर्मी कैप पहनने के फैसले को 'भारतीय क्रिकेट का सैन्यीकरण' करने वाला बताया. खेल तनाव को कम कर सकते हैं, लेकिन इस तरह नहीं. क्रिकेटरों को राजनीति में न घसीटें."
Source : IANS