सचिन तेंदुलकर आउट करना आसान काम नहीं होता था. कई बार दुनिया के दिग्गज गेंदबाज भी उनके आगे पानी भरते हुए नजर आते थे. एक वक्त ऐसा भी था, जब हर गेंदबाज का यही सपना होता था कि वह सचिन तेंदुलकर को आउट कर दे. सचिन तेंदुलकर को आउट करने के बाद गेंदबाज का करियर ग्राफ अपने आप बुलंदियों पर पहुंच जाता था. लेकिन अगर कोई गेंदबाज सचिन तेंदुलकर को आउट कर दे और उसे अंपायर नॉट आउट करार दे तो उस पर क्या बीतेगी. हालांकि सच्चाई यह भी है कि हो सकता है कि गेंदबाज ने आउट न किया हो, उसे केवल इसका भ्रम ही हुआ हो. ऐसा ही एक वाकया साल 2011 के विश्व कप में हुआ था, जब मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच चल रहा था. सचिन तेंदुलकर ने उस मैच में 85 रन की पारी खेल दी थी और भारत ने पाकिस्तान को करारी मात देते हुए फाइनल में जगह बनाई और उसके बाद श्रीलंका को फाइनल में हराकर विश्व कप की ट्रॉफी पर भी कब्जा कर लिया था.
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पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सईद अजमल विश्व कप 2011 में भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में सचिन तेंदुलकर का विकेट नहीं मिल पाने की निराशा से अब तक नहीं उबर पाए हैं, क्योंकि उन्हें आज भी लगता है कि उन्होंने मास्टर ब्लास्ट को आउट कर दिया था. इंग्लैंड के अंपायर इयान गाउल्ड ने भी हाल में कहा था कि सचिन तेंदुलकर तब आउट थे, लेकिन तीसरे अंपायर ने उनका फैसला पलट दिया था. सचिन तेंदुलकर ने मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल में 85 रन बनाए थे, जिससे भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था.
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सचिन तेंदुलकर जब 23 रन पर खेल रहे थे, तब गाउल्ड ने अजमल की गेंद पर उन्हें LBW आउट दे दिया था, लेकिन तीसरे अंपायर बिली बोडेन ने ‘रिव्यू’ के बाद इसे पलट दिया था. आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य रहे बिली गाउल्ड ने हाल में कहा था कि वह सचिन तेंदुलकर को आउट देने के अपने फैसले पर कायम हैं. सईद अजमल ने उस घटना को याद करते हुए कहा, यह सीधी गेंद थी और विकेटों के आगे उनके पैड से टकराई थी. मुझे पूरा विश्वास था कि वह आउट हैं. शाहिद अफरीदी, कामरान अकमल, वहाब रियाज और अन्य खिलाड़ियों ने मुझसे पूछा था कि क्या सचिन तेंदुलकर आउट है और मैंने कहा कि हां उसकी पारी समाप्त हो गई है.
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सईद अजमल ने कहा कि जब तीसरे अंपायर ने फैसला बदला तो उनका दिल टूट गया था. अजमल ने कहा, मुझे टेस्ट मैचों में कभी उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला, इसलिए मुझे जब भी सीमित ओवरों की क्रिकेट में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिलता था तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था. उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा, सबसे अधिक निराशा यह रही कि हम सेमीफाइनल में हार गए और निश्चित तौर पर सचिन तेंदुलकर के 85 रन ने अंतर पैदा किया था. अजमल ने कहा, यहां तक कि आज भी तीसरे अंपायर का फैसला मुझे हैरान कर देता है. लेकिन उस दिन भाग्य उनके साथ था और उन्होंने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण पारी खेली. पाकिस्तान की तरफ से 35 टेस्ट, 113 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले अजमल ने कहा कि तीसरे अंपायर के फैसला पलटने से गाउल्ड भी निराश थे. इस आफ स्पिनर का करियर हालांकि बांग्लादेश दौरे के बाद बीच में ही समाप्त हो गया. उनके गेंदबाजी एक्शन की 2014 में रिपोर्ट की गई थी. वह इसमें सुधार नहीं कर पाए और 2017 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था.
( इनपुट भाषा)
Source : News Nation Bureau