पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) (PCB) के चेयरमैन एहसान मनी (Ehsan mani) ने कहा है कि बीसीसीआई (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया ने आईसीसी के बिग-3 फॉर्मूले का काफी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने साथ ही कहा कि इन तीनों देशों ने विश्व क्रिकेट को काफी नुकसान पहुंचाया है. एहसान मनी 2003 से 2006 तक आईसीसी चेयरमैन रह चुके हैं. उनका मानना है कि इस फॉर्मूले को आईसीसी के अन्य सभी सदस्यों पर लागू किया गया था. उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि आईसीसी के राजस्व को साझा करने के मुद्दे पर जो देश सहमत नहीं होते थे, बिग-3 देश उनके साथ नहीं खेलने की धमकी देते थे.
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एहसान मनी ने आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि मैं बेहद भाग्यशाली था कि मेरे समय में आईसीसी में सभी सदस्यों का एक संगठित बोर्ड था. बिग-3 ने इस संतुलन को बुरी तरह से बर्बाद कर दिया, इसलिए इसे बिग-3 कहा गया. भारत, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया एकजुट हो गए और जो चीज दूसरों के हित में नहीं था, उसे लागू किया. जो उनके बदलाव से सहमत नहीं थे, उनके साथ नहीं खेलने की धमकी दे रहे थे. अब हर कोई आईसीसी में अस्वस्थ वातावरण के अपने हितों की देखभाल करने के लिए चिल्ला रहा है.
उन्होंने कहा कि बिग थ्री फॉर्मूला, क्रिकेट के किसी भी प्रारूप के हित में नहीं था. इसने विश्व क्रिकेट को काफी नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने वैश्विक विकास निधि और आईसीसी के सहयोगी सदस्य देशों से पैसा छीन लिए. यह बात थी पूरी तरह से अवांछनीय थी. आईसीसी की सभी प्रमुख टूर्नामेंटों को इन तीन देशों-भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बांटा गया. शशांक मनोहर ने श्रीनिवासन की जगह ले लिया, जिसे आईसीसी के लिए नामित होने के कारण बीसीसीआई ने हटा दिया था. इसके बाद वह 2014 में आईसीसी के पहले स्वतंत्र चेरयमैन बने थे.
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पूर्व तेज गेंदबाज एहसान मनी ने बिग थ्री पद्धति को खत्म करने के लिए मनोहर की तारीफ की, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि आईसीसी के सदस्य देशों के भीतर वित्तीय समानता और सद्भाव लाने के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि शशांक मनोहर ने इस क्षति को रोकने की काफी कोशिश की. लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और यह केवल आईसीसी की नियमित समीक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है, अन्यथा कई देश दिवालियापन हो जाएंगे. एहसान मनी ने कहा कि मनोहर के प्रति मेरे अंदर काफी सम्मान है. मुझे लगता है कि वह सुपर हैं. वह बहुत अच्छे थे। मुझे लगता है कि वह निर्णय लेने वाले थे.
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मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन के रूप में दो साल का कार्यकाल 2017 में खत्म हो गया था. इसके बाद उन्हें दो साल का और कार्यकाल दिया गया था. बाद में उन्होंने इसे जारी रखने से मना कर दिया था. मनी ने कहा कि क्रिकेट के लिए यह अच्छा होता अगर वह इसे जारी रखते. लेकिन इसे जारी नहीं रखने का उनका अपना फैसला था, जिसका सम्मान करते हैं. उन्होंने कुछ हद तक आईसीसी को निष्पक्ष बनाया. लेकिन इसके बाद हमें आगे बढ़ना था. कोई भी संस्था एक व्यक्ति से नहीं बन सकता. मैं चाहता था कि वह इसे जारी रखें. मनी का नाम मनोहर के उत्तराधिकारी के रूप में भी रखा गया था. उन्होंने कहा कि यह सच है. लेकिन मैं केवल पीसीबी की मदद करने के लिए क्रिकेट (प्रशासन) में वापस आया हूं. मुझे कोई और दिलचस्पी नहीं है.
Source : IANS