पूर्व क्रिकेटर एशवेल प्रिंस ने दक्षिण अफ्रीका की प्रणाली में ‘खामियों’ का जिक्र करते हुए दावा किया कि 2005 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ियों को नस्लीय दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था. कुछ मैचों को दक्षिण अफ्रीका नेतृत्व करने वाले इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा इसकी शिकायत के बाद भी उन्हें खेल जारी रखने के लिए कहा गया. प्रिंस ने ट्विटर पर कहा, ‘‘पूर्ण रूप से माइकल होल्डिंग से प्रेरित.’’
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उन्होंने लिखा, ‘‘कुछ दक्षिण अफ्रीकी प्रशंसकों ने इस सप्ताह सोशल मीडिया पर जो कुछ भी पढ़ा है, उससे वे हैरान और निराश हो सकते हैं. सच कहा जाए, तो कम से कम 10 साल तक टीम के साथ जो समय मैंने बिताया था वहां कोई एकता नहीं थी. ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर 2005 में हममें से कई ने सीमारेखा के पास नस्लवादी टिप्पणियों का सामना किया था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लंच के समय जब हमने इस बारे में टीम कप्तान को बताया तो हमें कहा गया कि भीड़ में कुछ ही लोग ही ऐसे हैं, ज्यादा नहीं. चलो वापस (मैदान में) चलते हैं.’’
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प्रिंस 2005-06 के ऑस्ट्रेलिया दौरे का जिक्र कर रहे थे जहां पर्थ में पहले टेस्ट के दौरान उनके अलावा पूर्व तेज गेंदबाज मखाया एंटिनी और गार्नेट क्रुगर दक्षिण अफ्रीकी टीम में अश्वेत खिलाड़ी थे. दक्षिण अफ्रीका के लिए 66 टेस्ट, 52 एकदिवसीय और एक टी 20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले 44 साल के प्रिंस ने श्वेत पुलिस अधिकारी की बर्बरता के कारण अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लोयड की मौत के बाद दुनिया भर में चल रहे ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन पर अपने विचार साझा किए.
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उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण अफ्रीका की प्रणाली में कई खामियां है, ऐसा समाज और खेल दोनों में है. हमने खेलों में वापसी की और दुनिया से कहा कि हम वापस आये है लेकिन कोई भी अश्वेत ऐसा नहीं है जो खेल सकता है, हम कुछ को अपने साथ लाये हैं.’’
Source : Bhasha