भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि की बीसीसीआी ने थोड़े दिनों पहले ही खिलाड़ियों के सालाना वेतन में दोगुनी बढ़ोतरी की थी लेकिन क्रिकेटर इससे भी खुश नहीं हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें बीसीसीआई की आमदनी का बेहद कम हिस्सा मिल रहा है। यह बात पिछले कुछ महीने से उठ रही थी और खिलाड़ी बोर्ड के सामने अपनी इस बात को रखना चाहते थे।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने सूत्रों के हवाले से लिखा है, 'पिछले तीन महीने से इस बात ने तूल पकड़ा है। न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई श्रृंखला में भी यह बात उठी थी। टीम का लगभग हर खिलाड़ी इस चर्चा में शामिल है।'
वेबसाइट के मुताबिक कोच अनिल कुंबले ने खिलाड़ियों की आय के मौजूदा ढांचे को पूरी तरह से बदलने की बात की है ताकि खिलाड़ियों को बोर्ड की आय का अच्छा हिस्सा मिले सिर्फ कुछ प्रतिशत नहीं। 2003 में लागू किए गए केंद्रीय अनुंबध को लाने में भी कुंबले ने अहम भूमिका निभाई थी।
सर्वोच्च अदालत ने बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के सामने इस महीने की शुरुआत में कुंबले ने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की तरफ से बात रखी थी। वेबसाइट के सूत्रों के मुताबिक खिलाड़ी आने वाले दिनों में सीओए से मिल सकते हैं। हालांकि सीओए के अधिकारी ने इस तरह की किसी भी बैठक से इनकार किया है।
सीओए का मानना है कि कुंबले के प्रस्ताव में मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की बात है जिसमें काफी समय लगेगा।
वेबसाइट ने सीओए के अधिकारी के हवाले से लिखा है, 'कुंबले भी इस बात को जानते हैं कि यह रातों रात नहीं हो सकता। हम इस पर विचार करेंगे और देखेंगे कि क्या हो सकता है। यह एक या दो दिन में होने वाला काम नहीं है।'
बोर्ड ने पिछले सप्ताह ही खिलाड़ियों की वार्षिक आय में दोगुना इजाफा किया था। ग्रेड-ए के खिलाड़ियों को एक करोड़ की जगह दो करोड़ रुपये, ग्रेड-बी के खिलाड़ियों को 50 लाख से एक करोड़ और ग्रेड-सी के खिलाड़ियों को 25 लाख से 50 लाख रुपये देने की घोषणा की गई थी।
बल्लेबाजी कोच संजय बांगर और फील्डिंग कोच आर.श्रीधर की आय में 50 फीसदी का इजाफा किया था।
Source : IANS