क्रिकेट के किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है कि वो टीम के लिए बड़ी पारी खेलें. यानि कि शतक लगाएं. नहीं तो कम से कम अर्धशतक तो बनाएं ही. आज के समय में तो ये काम काफी आसान दिखता है लेकिन दो-ढाई दशक पहले यही काम काफी मुश्किल सा था. अगर कोई खिलाड़ी शतक लगा भी लें तो जरुरी नहीं होता कि उनकी टीम आसानी से जीत दर्ज कर लें. जबकि आज के दौर में अगर किसी बल्लेबाज ने शतक लगा दी तो उम्मीद रहता है कि उनकी टीम जरुर जीतेगी. उस खिलाड़ियों के लिए इससे बुरा क्या होगा कि वो शतक लगाएं फिर भी टीम जीत न पाएं। ऐसे कई भारतीय भी रहे हैं जिनके शतक के बावजूद भी टीम हार गई. हम आपको ऐसे तीन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने जब-जब शतक लगाया टीम को हार ही नसीब हुई.
दिलीप वेंगसरकर
टेस्ट क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज रहे दिलीप वेंगसरकर का नाम इस लिस्ट में होना अपने आप में बड़ा विषय है. जो कारनामे उन्होंने टेस्ट में कर दिखाया वो एकदिवसीय में दोहराने में असफल रहे. उन्होंने 116 टेस्ट मैचों में 6868 रन बनाए. इस फॉर्मेट में उनके नाम 17 शतक भी हैं. वेंगसरकर ने भारत के लिए 129 एकदिवसीय मैचों में 34.39 के औसत से 3508 रन बनाए. उस फॉर्मेट में उनके नाम एक शतक भी है लेकिन जिस मैच में उन्होंने शतक लगाया उस मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था.
रमन लांबा
रमन लांबा का क्रिकेट बहुत छोटा सा करियर रहा. क्योंकि उनकी मौत क्रिकेट मैदान पर ही हो गई थी. दरअसल, बांग्लादेश के ढाका में फील्डिंग के दौरान रमन लांबा गर्दन के पास गेंद लग गई. उन्हें उपचार मुहैया कराने के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.लांबा ने अपने करियर में 32 एकदिवसीय मैच खेला था. जिसमें उन्होंने 27 के औसत से 783 रन बनाए. जिसमें एक शतक और 6 अर्द्धशतक भी शामिल है. जिस मैच में उन्होंने टीम के लिए वो शतक बनाया उस
मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
संजय मांजरेकर
बात जब भी एक सफल कमेंटेटर की होती है तो संजय मांजरेकर का भी नाम जरुर शामिल होता है. लेकिन मौजूदा समय में वो अक्सर अपने विवादित बयानों के लेकर सुर्खियों में रहते हैं. मांजरेकर का नाम उन भारतीय क्रिकेटरों में शामिल होता है जिसमें खिलाड़ी के शतक लगाने के बावजूद भी टीम को हार का ही मुंह देखना पड़ा हो. भारतीय टीम के लिए 74 एकदिवसीय मैच खेले मांजरेकर ने 33.23 के औसत से 1994 रन बनाए. उनके नाम एक शतक भी है. लेकिन जिस मैच में उन्होंने शतक लगाया उस मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था. मांजरेकर के नाम 15 अर्द्धशतक भी हैं. वो भारत के लिए टेस्ट भी खेल चुके हैं. एक बार टीम से बाहर होने के बाद उनकी कभी भी भारतीय टीम में वापसी नहीं हो पाई. आगे चलकर उन्होंने कमेंट्री में अपना करियर
बनाया.
Source : Sports Desk