Tokyo Olympics 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों से बातचीत की. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने 15 खिलाड़ियों से बातचीत की और उन खिलाड़ियों को एक से बढ़कर एक उदाहरण दिए जिनसे कि उनका उत्साह बढ़े. पीएम मोदी ने कहा कि खिलाड़ी जापान में जमकर अपने खेल का प्रदर्शन करें. पीएम मोदी ने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि आप लोगों को अपेक्षाओं के बोझ तले दबने की जरूरत नहीं है, बल्कि खुलकर अपना स्वाभाविक खेल दिखाना है. पीएम मोदी ने इस दौरान खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए सचिन तेंदुलकर का भी उदाहरण दिया.
आपको बता दें पीएम मोदी ने ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे बॉक्सिंग के खिलाड़ी आशीष कुमार जिनके पिता का निधन हो गया उन्हें सांत्वना और उत्साहवर्धन के लिए क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया. सचिन तेंदुलकर भी अपने पिता के निधन के अगले ही दिन क्रिकेट के मैदान पर उतरे थे. सचिन तेंदुलकर न सिर्फ मैदान पर ही उतरे बल्कि उन्होंने केन्या के खिलाफ शानदार नाबाद शतक भी लगाया और टीम इंडिया को एक महत्वपूर्ण जीत भी दिलाई. आइए हम आपको बताएं क्या हुआ था उस दिन जब पिता के निधन के बाद सचिन को मैदान में उतरना पड़ा था.
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1999 में पिता के निधन के बाद मैदान पर उतरे थे सचिन तेंदुलकर
मई का महीना साल 1999 टीम इंडिया सातवें विश्वकप में हिस्सा लेने के लिए इंग्लैंड पहुंची थी. पहला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के साथ 15 मई को जिसमें काफी नजदीकी मामले में भारत मैच हार गया था. अगला मुकाबला अपेक्षाकृत कमजोर टीम जिम्बॉब्वे से था जिसमें भारत अप्रत्याशित रूप से 3 रनों से मैच गवां बैठा था अब टीम इंडिया को सुपर सिक्स में बने रहने के लिए अपने सभी लीग मुकाबले जीतने थे. लेकिन 19 मई को ही सचिन तेंदुलकर के पिता का निधन हो गया. जिस वजह से वो भारत लौट आए पिता का अंतिम संस्कार किया और वापस अगले मुकाबले के लिए तैयारी शुरू कर दी.
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टीम इंडिया के लिए था काफी अहम मुकाबला
टीम इंडिया का अगला मुकाबला केन्या से था जो कि काफी कमजोर आंकी जा रही थी लेकिन वो पहले भी बड़े उलटफेर कर चुकी थी, इस वजह से भारत को ये मुकाबला आसान नहीं लग रहा था. ऐसे में अगर सचिन टीम में अगर नहीं होते तो टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव होता 23 मई को भारत का मुकाबला केन्या से था टॉस हारकर टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी. सलामी बल्लेबाजी में परिवर्तन के तौर पर गांगुली के साथ रमेश उतरे और तीसरे नंबर पर राहुल द्रविड़ आए और सचिन अपने परंपरागत स्थान चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे. सचिन तेंद्लुकर जब क्रीज पर आए तब टीम इंडिया का स्कोर 21वें ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 92 रन था. रमेश 44 रन बनाकर आउट हुए थे और गांगुली 13 रन बनाकर आउट हो गए थे. अब क्रीज पर सचिन के साथ राहुल द्रविड़ थे. सचिन ने चौका लगाकर खाता खोला और पूरी पारी के दौरान अपना अक्रामक रुख बनाए रखा और 101 गेंदों पर नाबाद 140 रनों की पारी खेली. इस मैच में राहुल द्रविड़ ने भी 104 रन बनाए थे. टीम इंडिया ने ये मुकाबला 94 रनों से जीत लिया था.
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पीएम ने इन खिलाड़ियों से की बात
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने सानिया मिर्जा (टेनिस), एमसी मैरीकॉम (मुक्केबाजी), तीरंदाज दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव के अलावा भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा जैसे चर्चित खिलाड़ियों से बात की. इनके अलावा दुती चंद (एथलेटिक्स), आशीष कुमार (बॉक्सिंग), पीवी सिंधु (बैडमिंटन), एलावेनिल वलारिवन (शूटर), सौरभ चौधरी (शूटर), शरथ कमल (टेबल टेनिस), मनिका बत्रा (टेबल टेनिस), विनेश फोगट (कुश्ती), साजन प्रकाश (तैराकी) और मनप्रीत सिंह (हॉकी) से भी बातचीत की
HIGHLIGHTS
- ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे खिलाड़ियों से पीएम ने की बात
- बॉक्सर आशीष को दिया क्रिकेट के भगवान सचिन का उदाहरण
- 1999 विश्वकप में पिता के निधन के बाद मैदान में उतरे थे सचिन
- बॉक्सर आशीष के पिता का भी हाल में हो गया था निधन