जिम्बाब्वे क्रिकेट के निलंबन से केवल उनके देश के खिलाड़ी ही प्रभावित नहीं है, बल्कि इसकी गूंज भारत में भी सुनाई दे रही है और शीर्ष आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इस नये घटनाक्रम को ‘दुखद’ करार दिया. आईसीसी ने गुरुवार को जिम्बाब्वे क्रिकेट को वैश्विक संस्था के संविधान का उल्लंघन करने के लिए तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया. संविधान किसी तरह के सरकारी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता है.
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अश्विन ने ट्वीट किया, जिम्बाब्वे क्रिकेट और उसके प्रशंसकों के लिए बेहद दुखद है. सिकंदर रजा के ट्वीट से क्रिकेटरों की पीड़ा और उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है. मैं प्रार्थना करता हूं कि यह प्यारा क्रिकेट देश अपना गौरव फिर से हासिल करे.
बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी (ICC)) ने वार्षिक बैठक में सर्वसम्मति के साथ जिम्बाब्वे (Zimbabwe) क्रिकेट पर सुशासन के सिद्धांतों का पालन नहीं करने के लिए तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने का फैसला किया. आईसीसी (ICC) ने गुरुवार को जिम्बाब्वे (Zimbabwe) क्रिकेट को सस्पेंड करने के लिए बयान जारी किया है.
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हाल में सरकार के खेल एवं मनोरंजन आयोग ने जिम्बाब्वे (Zimbabwe) क्रिकेट को संवैधानिक नियमों का उल्लघंन करने के लिए निलंबित कर दिया था. आईसीसी (ICC) के इस फैसले से सिकंदर रजा सहित जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के कई क्रिकेटर हैरान और निराश हैं. उनका मानना है कि इससे उनका करियर समाप्त हो गया है.
सिकंदर रजा ने ट्विटर पर भावनात्मक पोस्ट में लिखा कि वह इस तरह से खेल को अलविदा नहीं करना चाहते थे. उन्होंने अपने हैंडल पर लिखा, ‘कैसे एक फैसले ने एक टीम को अजनबी बना दिया. कैसे एक फैसले ने इतने सारे लोगों को बेरोजगार कर दिया. कैसे एक फैसला इतने सारे परिवारों को प्रभावित करता है. कैसे एक फैसले ने इतने सारे करियर खराब कर दिए, निश्चित रूप से मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को इस तरह से अलविदा नहीं करना चाहता था.’