India vs Australia Rahul Dravid on Indian Pitches: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही चार मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 के शुरुआती तीनों टेस्ट मैच के नतीजे 3-3 दिन के अंदर ही आ गए. तीनों मैचों की पिच को स्पिन फ्रेंडली बनाई गई थी. जिस पर स्पिनरों ने जमकर बल्लेबाजों को परेशान किया और घुटने टेकने पर मजबूर किया. जिसके बाद पिच की काफी आलोचना हुई और सवाल उठाए गए. इंदौर में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच खत्म होती है उसे आईसीसी 'खराब' (Poor) मिल गई. अब टीम इंडिया के हेड कोच ने भारत में बन रही इस तरह की पिचों पर अपना बयान दिया है.
कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में टेस्ट क्रिकेट में रिजल्ट देने वाली पिच तैयार की जा रही है. उनका मानना है कि ये सब वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ज्यादा पॉइंट्स हासिल करने के लिए किया जा रहा है. यही कारण है कि मेजबान टीमें अपने स्थिति को मजबूत करने के आधार पर पिचों को तैयार कर रही हैं.
'टेस्ट पिचों के लिए बेंचमार्क और मानक बदल गए हैं'
द्रविड़ ने कहा 'हर मेजबान टीम अपने घरेलू मैदानों पर नतीजा चाहती हैं या यह कहें कि वह घर में अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है. अगर मैच ड्रॉ होता है तो वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 4 प्वाइंट्स मिलते हैं और जीतने पर 12 प्वाइंट्स मिलते हैं. इसलिए हर टीम चाहेगी कि वह टेस्ट में अपने पक्ष में नतीजा निकाले. अगर आप पिछले 3-4 सालों को देखें तो पाएंगे कि दुनियाभर की पिचें बल्लेबाजी के लिए चैलेंजिंग रही हैं. ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं है. इस मामले में आपको वास्तविक परिस्थिति समझनी होगी कि अब टेस्ट पिचों के लिए बेंचमार्क और मानक क्या है.'
राहुल द्रविड़ ने कहा, 'यह समझना होगा कि अब इस तरह की पिचों पर एक अच्छा प्रदर्शन खेल की दिशा को पलट सकती है. हम नागपुर टेस्ट में रोहित की शतकीय पारी से इसे समझ सकते हैं. यहां आपको अपने बल्लेबाजों को सपोर्ट करना होगा. समझाना होगा कि ये चुनौती भरी पिच है और दोनों टीमों के लिए एक जैसी है, इसे एक मौका समझे और अच्छा खेल दिखाएं. जरूरी नहीं कि यहां दोहरा शतक जड़े, 50-60 रन की पारी भी इन परिस्थितियों में निर्णायक साबित हो सकती है.