टीम के साथ बतौर टीम डायरेक्टर काम कर चुके और अगस्त 2014 से अप्रैल 2016 तक किसी भी कोच की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया को ट्रेन करने वाले रवि शास्त्री अब टीम इंडिया के नए कोच होंगे।
कुछ विवादों को छोड़ दें तो बतौर टीम डायरेक्टर शास्त्री का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। शास्त्री के दौर में टीम इंडिया 2015 वर्ल्ड कप और 2016 में वर्ल्ड टी-20 के सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
यही नहीं, 2016 की शुरुआत में टीम करीब 8 हफ्तों के लिए टेस्ट में नंबर वन की रैंकिंग पर भी पहुंचने में कामयाब रही। रवि शास्त्री के ही दौर में महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और फिर कमान कोहली के हाथ में आई।
और पढ़ेंः रवि शास्त्री बने भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच, जहीर खान को बनाया गया बॉलिंग कोच
रवि शास्त्री के साथ विवाद क्या?
टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली और रवि शास्त्री की कमेस्ट्री जगजाहिर है। शास्त्री के टीम डायरेक्टर रहने के दौरान भी यह साफ झलकता था। तब ऐसी कहानियां सामने आईं कि कोहली और रवि शास्त्री की जुगलबंदी से टीम इंडिया में गुटबाजी का माहौल तैयार हो रहा है।
हालांकि, यह आरोप ज्यादा देर टिक नहीं सके। इस बीच शास्त्री भी टीम डायरेक्टर के पद से मुक्त हुए और बीसीसीआई ने उनकी वापसी में तब ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई।
शास्त्री और गांगुली में 36 का आंकड़ा?
एक साल पहले जब कोच पद के लिए इंटरव्यू हुए थे तो रवि शास्त्री ने भी अप्लाई किया था। लेकिन वह इंटरव्यू देने खुद नहीं आए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह विदेश में छुट्टियां मना रहे थे और उन्होंने स्काइप पर इंटरव्यू देने की पेशकश की।
सूत्रों के मुताबिक तब सौरव गांगुली को यह रवैया रास नहीं आया था। उन्होंने इंटरव्यू लेने से मना कर दिया। नतीजा ये हुआ कि गांगूली और सीएसी ने अनिल कुंबले को तरजीह दी। तब सौरव गांगुली और शास्त्री में मनमुटाव की खबरें भी आईं थीं।
और पढ़ेंः महिला हॉकी: हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में अमेरिका ने भारत को 4-1 से हराया
रवि शास्त्री: ऑलराउंडर से कमेंटेटर और फिर कोच तक का सफर
रवि शास्त्री की पहचान आज एक बेहतरीन कमेंटेटर के तौर पर है। हालांकि, इसके पहले वह करीब एक दशक तक भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज और 10 नंबर बल्लेबाजी करने वाले से लेकर ओपनर बैट्समैन की भूमिका निभाने वाले रवि शास्त्री ने अपने दौर में एक ऑलराउंडर क्रिकेटर के तौर पर अपनी पहचान बनाई।
शास्त्री के नाम 80 टेस्ट मैचों में 3830 रन और 151 विकेट हैं। इसमें 11 शतक और 12 अर्धशतक हैं। यही नहीं, टेस्ट में वह एक दोहरा शतक भी लगा चुके हैं। वहीं 150 वनडे मैचों में उनके नाम 3108 रन और 129 विकेट हैं।
और पढ़ेंः डार्क चॉकलेट से यूं निखारें अपनी त्वचा की खूबसूरती
Source : News Nation Bureau
रवि शास्त्री के हाथ लगी कोहली की सेना की कमान, जानिए उनके ऑलराउंडर से कोच बनने तक का सफर
टीम के साथ बतौर टीम डायरेक्टर काम कर चुके और अगस्त 2014 से अप्रैल 2016 तक किसी भी कोच की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया को ट्रेन करने वाले रवि शास्त्री अब टीम इंडिया के नए कोच होंगे।
Follow Us
टीम के साथ बतौर टीम डायरेक्टर काम कर चुके और अगस्त 2014 से अप्रैल 2016 तक किसी भी कोच की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया को ट्रेन करने वाले रवि शास्त्री अब टीम इंडिया के नए कोच होंगे।
कुछ विवादों को छोड़ दें तो बतौर टीम डायरेक्टर शास्त्री का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। शास्त्री के दौर में टीम इंडिया 2015 वर्ल्ड कप और 2016 में वर्ल्ड टी-20 के सेमीफाइनल तक पहुंची थी।
यही नहीं, 2016 की शुरुआत में टीम करीब 8 हफ्तों के लिए टेस्ट में नंबर वन की रैंकिंग पर भी पहुंचने में कामयाब रही। रवि शास्त्री के ही दौर में महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था और फिर कमान कोहली के हाथ में आई।
और पढ़ेंः रवि शास्त्री बने भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच, जहीर खान को बनाया गया बॉलिंग कोच
रवि शास्त्री के साथ विवाद क्या?
टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली और रवि शास्त्री की कमेस्ट्री जगजाहिर है। शास्त्री के टीम डायरेक्टर रहने के दौरान भी यह साफ झलकता था। तब ऐसी कहानियां सामने आईं कि कोहली और रवि शास्त्री की जुगलबंदी से टीम इंडिया में गुटबाजी का माहौल तैयार हो रहा है।
हालांकि, यह आरोप ज्यादा देर टिक नहीं सके। इस बीच शास्त्री भी टीम डायरेक्टर के पद से मुक्त हुए और बीसीसीआई ने उनकी वापसी में तब ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई।
शास्त्री और गांगुली में 36 का आंकड़ा?
एक साल पहले जब कोच पद के लिए इंटरव्यू हुए थे तो रवि शास्त्री ने भी अप्लाई किया था। लेकिन वह इंटरव्यू देने खुद नहीं आए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह विदेश में छुट्टियां मना रहे थे और उन्होंने स्काइप पर इंटरव्यू देने की पेशकश की।
सूत्रों के मुताबिक तब सौरव गांगुली को यह रवैया रास नहीं आया था। उन्होंने इंटरव्यू लेने से मना कर दिया। नतीजा ये हुआ कि गांगूली और सीएसी ने अनिल कुंबले को तरजीह दी। तब सौरव गांगुली और शास्त्री में मनमुटाव की खबरें भी आईं थीं।
और पढ़ेंः महिला हॉकी: हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल में अमेरिका ने भारत को 4-1 से हराया
रवि शास्त्री: ऑलराउंडर से कमेंटेटर और फिर कोच तक का सफर
रवि शास्त्री की पहचान आज एक बेहतरीन कमेंटेटर के तौर पर है। हालांकि, इसके पहले वह करीब एक दशक तक भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज और 10 नंबर बल्लेबाजी करने वाले से लेकर ओपनर बैट्समैन की भूमिका निभाने वाले रवि शास्त्री ने अपने दौर में एक ऑलराउंडर क्रिकेटर के तौर पर अपनी पहचान बनाई।
शास्त्री के नाम 80 टेस्ट मैचों में 3830 रन और 151 विकेट हैं। इसमें 11 शतक और 12 अर्धशतक हैं। यही नहीं, टेस्ट में वह एक दोहरा शतक भी लगा चुके हैं। वहीं 150 वनडे मैचों में उनके नाम 3108 रन और 129 विकेट हैं।
और पढ़ेंः डार्क चॉकलेट से यूं निखारें अपनी त्वचा की खूबसूरती
Source : News Nation Bureau