भारतीय टीम की बल्लेबाजी हमेशा से ही उसका मजबूत पक्ष रही है। लेकिन भारत-न्यूजीलैंड के वनडे सीरीज में यही मजबूत पक्ष कमजोर कड़ी साबित हो रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ 2-1 से सीरीज में बढ़त बनाने के बाद भारतीय टीम के पास यह सुनहरा मौका था कि वह सीरीज में कब्जा कर सकती थी। पर रांची वनडे में न्यूजीलैंड के हाथों भारत को मिली 20 रन से हार के पीछे की सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजी क्रम का बिखर जाना रहा और ओपनिंग में रोहित का रन ना बनाना है।
रोहित का बल्ला खामोश
पिछले कुछ मैचों में उनके द्वारा बनाए गए रन इस बल्लेबाज के रिकॉर्ड आंकड़ों से कहीं भी मेल नहीं खाते। इस सीरीज के पहले वनडे में धर्मशाला में खेलते हुए उन्होंने 14 रन बनाए, फिर दिल्ली में हुए दूसरे वनडे में 15 रन बनाए, उसके बाद मोहाली में हुए तीसरे वनडे में 13 रन बनाए और अब रांची में 11 पर आउट हो गए। वह 20 के आंकड़ें को छू नहीं पाये हैं।
जनवरी से है रोहित का बल्ला शांत
रोहित के बल्ले से आखिरी शतक इसी साल 15 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में निकला था। उसके बाद से अब तक 7 वनडे मैचों में वो एक भी शतक नहीं जड़ पाए हैं।सवाल यही है कि क्या भारतीय चयनकर्ता उन्हें कब तक और मौका देंगे क्योंकि कई धुरंधर अपनी बारी के इंतजार में बाहर खड़े हुए हैं।
कमजोर कड़ी ओपनिंग
सीरीज के अब तक हुए चारों मैचों में ओपनिंग टीम इंडिया के लिए कमजोर कड़ी साबित हुई है। भारतीय ओपनर सीरीज में चार में से किसी मैच में शतकीय तो दूर, अर्धशतकीय साझेदारी भी नहीं बना पाए। इस सीरीज में टीम इंडिया की पहले विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी 49 रन की रही जो धर्मशाला के पहले वनडे में हुई।
ट्विटर पर भी रोहित को लेकर जमकर आलोचना हुई