Rohit Sharma, ICC World Cup 2023 : वनडे वर्ल्ड कप का आगाज 5 अक्टूबर से होगा. इस बार यह टूर्नामेंट भारत की मेजबानी में खेला जाएगा. भारत ने आखिरी बार साल 2011 में वर्ल्ड कप की संयुक्त मेजबानी की थी, लेकिन इस बार पूरा वर्ल्ड कप भारत में खेला जाएगा. इससे पहले टीम इंडिया एशिया कप 2023 (Asia Cup 2023) में हिस्सा लेगी. वनडे वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर कप्तान रोहित शर्मा ने बात की है. वहीं, उन्होंने यह भी बताया है कि जब उन्हें वर्ल्ड कप 2011 में जगह नहीं मिली थी, तब उन्हें कैसा महसूस हुआ था.
रोहित शर्मा ने कही ये बात
एमएस धोनी (MS Dhoni) की अगुवाई में खेली गई वनडे वर्ल्ड कप 2011 में रोहित शर्मा को शामिल नहीं किया गया था. तब वह 23 साल के थे. अब उस बात को लेकर उन्होंने कहा है कि उस समय मैं बहुत दुखी हुआ था और यह उनसे बेहतर कोई नहीं जानता है. ODI World Cup 2023 के लिए टीम के चयन के समय हो सकता है कुछ लोग चूक जाएंगे. राहुल भाई और मैंने खिलाड़ियों को समझाने की पूरी कोशिश की है कि वे टीम में क्यों नहीं हैं? हर प्लेइंग इलेवन चुनने के बाद हम खिलाड़ियों को बताते हैं कि किस वजह से उन्हें प्लेइंग 11 में शामिल क्यों नहीं किया गया है.
भारतीय कप्तान ने कहा कि कभी-कभी मैं उनकी जगह खुद को रखने की कोशिश करता हूं. जब मुझे 2011 में नहीं चुना गया था, यह मेरे लिए दिल तोड़ने वाला लम्हा था और मुझे पता है कि वर्ल्ड कप टीम से बाहर होने के बाद कैसा लगता है. मैं, कोच और सेलेक्टर्स सभी पहलुओं पर ध्यान देते हैं, जैसे विरोधी टीम, पिच, हमारा मजबूत पक्ष, उनकी कमजोरियां और फिर हर चीफ पर फैसला लेते हैं. पूरी संभावना है कि हम हर समय परफेक्ट नहीं हों. हम हमेशा सही नहीं होंगे.
वनडे वर्ल्ड कप 2011 में नहीं मिली थी जगह
रोहित शर्मा ने कहा कि वर्ल्ड कप 2011 के स्क्वाड में जगह नहीं मिलने के बाद किसने उन्हें सांत्वना दी थी. उन्होंने कहा कि मैं दुखी था और अपने कमरे में बैठा था. मुझे याद है कि युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और मुझे डिनर पर ले गए.
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Rohit Sharma ने कहा कि Yuvraj Singh ने मुझे बताया कि टीम में जगह नहीं मिलने पर कैसा महसूस होता है. सबसे अच्छी चीज यह है कि तुम्हारे सामने इतने साल पड़े हैं. जब हम इस वर्ल्ड कप में खेलेंगे तो तुम इस मौके का इस्तेमाल अपने खेल और कौशल पर कड़ी मेहनत करने और टीम में वापसी करने के लिए कर सकते हो. ऐसी कोई वजह नहीं है कि तुम भारत के लिए नहीं खेलो या तुम्हें वर्ल्ड कप में खेलने का मौका नहीं मिलेगा. तब 2011 में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सेलेक्टर्स ने सोचा था कि अतिरिक्त बल्लेबाज से अधिक उपयोगी पीयूष चावला के रूप में कलाई का स्पिनर होगा.