दिल्ली की रणजी टीम बंगाल के खिलाफ कोलकाता में होने वाले रणजी मैच से पहले चयन विवाद में फंस गई, क्योंकि टीम में तेज गेंदबाज अंकित बेनीवाल के रूप में अतिरिक्त सदस्य जोड़ा गया है और कार्यवाहक अध्यक्ष राकेश बंसल पर चयन मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है. संयोग से बंसल बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष स्नेह बंसल के छोटे भाई है जिन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में डीडीसीए से बर्खास्त किया गया था. डीडीसीए अधिकारियों और चयनसमिति के करीबी सूत्रों के अनुसार कोच भास्कर पिल्लै और कप्तान ध्रुव शोरे दोनों चयन बैठक में नहीं आए क्योंकि वह इस खिलाड़ी के चयन का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे. डीडीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, आमतौर पर दिल्ली 15 खिलाड़ियों और संभावित खिलाड़ियों में शामिल दो नेट गेंदबाजों का चयन करती रही है. हमारे पास विकास टोकस और प्रांशु विजयरन जैसे रणजी तेज गेंदबाज हैं. इसके बजाय बंगाल मैच के लिए अंकित बेनीवाल का चयन किया गया जिनकी रफ्तार केवल 110 किमी है.
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अधिकारी से पूछा गया कि किसके कहने पर बेनीवाल को नेट गेंदबाज के तौर पर टीम में लिया गया जबकि डीडीसीए लीग में भी उसका प्रदर्शन अच्छा नहीं था, उन्होंने कहा, बंसल बंधुओं (स्नेह और राकेश) ने बेनीवाल के चयन के लिए चयनकर्ताओं पर दबाव बनाया. लेकिन अजीब बात है कि चयनसमिति के अध्यक्ष बंटू सिंह ने इस तरह के गलत कदम का विरोध नहीं किया. असल में वे बेनीवाल को 15 सदस्यीय टीम में चाहते थे ताकि वह बीसीसीआई मैच फीस का हकदार बन सके. बंसल बंधुओं से संपर्क करने की काफी कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. बंगाल मैच के लिए बाए हाथ के तेज गेंदबाज पवन सुयाल को टीम में रखा गया है जो कि हैदराबाद के खिलाफ मैच के दौरान चोटिल हो गए थे. अधिकारी ने कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि दो चयनकर्ता सुयाल को शामिल करने के खिलाफ थे जबकि फिजियो ने उन्हें फिट करार दिया.
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इसके लिए भारतीय टीम में शामिल दिल्ली के खिलाड़ी और दिल्ली के स्टार को फोन करने की जरूरत पड़ी. उन्होंने अधिकारियों से फोन पर बात की और चयनकर्ताओं से सुयाल को टीम में शामिल करने के लिए कहा. यही नहीं आलराउंडर ललित यादव को भी हिम्मत सिंह की टीम में वापसी के लिए अंडर-23 टीम में भेज दिया गया. अधिकारी ने कहा, चयनसमिति के अध्यक्ष बंटू प्रत्येक रणजी मैच में लेग स्पिनर तेजस बारोका को टीम में रखना चाहते है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं रहे. अच्छी तरह से पता होने के बावजूद कि ईडन गार्डन्स की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल है तो फिर तेजस की बजाय ललित को क्यों हटाया गया जबकि वह बल्लेबाजी भी कर सकते हैं. बंटू से संपर्क नहीं हो पाया.
Source : Bhasha