बीसीसीआई (BCCI) के सूत्रों की मानें तो बोर्ड के महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम (Saba Karim) से इस्तीफा मांग लिया गया है. उनका पद पहले से ही खतरे में था. शुक्रवार को हुई बोर्ड की शीर्ष परिषद की बैठक में घरेलू क्रिकेट के रोडमैप को केवीपी राव (KVP Rao) ने अधिकारियों के सामने रखा. बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा है कि जब से बोर्ड के मौजूदा अधिकारियों ने काम संभाला है तब से करीम (Saba Karim) का पद खतरे में ही था. साथ ही निवर्तमान महिला चयनकताओं ने चयन प्रक्रिया में सबा करीम की दखलअंदाजी का जिक्र भी किया था जो उनके ताबूत में आखिरी कील का काम शायद कर गया. अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई की हाल ही में हुई शीर्ष परिषद की बैठक में सबा करीम को घरेलू ढांचे में बदलाव के प्लान को बताने के लिए बुलाया ही नहीं गया. उनकी जगह राव ने प्लान बताया.
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बीसीसीआई अधिकारी ने बताया कि पिछले साल जब अधिकारियों ने कार्यभार संभाला था तब से उनका पद खतरे में था. जब नियुक्ति प्रक्रिया लागू की गई तो विनोद राय और राहुल जौहरी के बीच में बंद दरवाजों के बीच हुई बैठक में करीम के लिए नियमों को अदला-बदला गया. इससे उन लोगों का नुकसान हुआ जिनकी क्वालीफिकेशन समान थीं लेकिन उन्हें यही नहीं पता था कि वह अप्लाई कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ऐसा भी पता चला है कि निवर्तमान महिला चयनकर्ताओं ने करीम की चयन प्रक्रिया में दखल देने और उन्हें परेशान करने की शिकायत की थी. राष्ट्रीय टीम को संभालने में उनके द्वारा हुई गड़बड़ी तब सामने आई जब मिताली राज जैसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने बार-बार यह कहा कि उन्हें जबरदस्ती विवादों में खिंचा जा रहा है और जब उन्होंने करीम को बातें बताई तों उन्हें हरमनप्रीत कौर के खिलाफ खड़ा कर दिया गया.
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बीसीसीआ के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि सबा करीम का काम करने का तरीका काफी खराब था और अकड़ के बात करते थे. उन्होंने कहा, मेरा उनके साथ जो काम करने का अनुभव रहा है, उसमें कुछ चीजें अलग हटकर सामने आईं. जो लोग उनके पास आम शिकायत लेकर आते थे वे उनसे अच्छे से बात नहीं करते थे, उनमें अपने फैसले के बारे में सोचने की क्षमता नहीं थी. वह ऐसे फैसले थे जिन्होंने घरेलू क्रिकेट को काफी नुकसान पहुंचाया. वह काबिल लोगों की अपेक्षा उन लोगों को बढ़ावा देते थे जो उनके करीब थे. वह दूसरों की मेहनत का श्रेय लेते थे.
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इस बात को मानते हुए बीसीसीआई के एक कार्यकारी ने कहा कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में भी आधिकारिक तौर पर करीम के अंडर की गई नियक्तियों को लेकर शिकायतें थीं. उन्होंने कहा, करीम के अंडर में एनसीए में नियुक्त किए गए स्टाफ और प्रशिक्षकों की जांच भी होनी हैं. बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कई मेल भेजे हैं जिनमें लिखा है कि किस तरह से लोगों को पीछे के दरवाजे से प्रवेश दिया गया.
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बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि सबा करीब से इस्तीफा देने को कहा गया है. इसका एक कारण यह है कि वह कोविड-19 महामारी को देखते हुए घरेलू क्रिकेट के लिए कोई ठोस योजना तैयार नहीं कर पाए. घरेलू क्रिकेट के दिसंबर से पहले शुरू होने की संभावना नहीं है क्योंकि देश में लगातार कोविड-19 मामले बढ़ रहे हैं. अगर आईपीएल सितंबर से नवंबर के बीच होता है, जिसकी अटकलें लगाई जा रही हैं तो इसी समय पर घरेलू क्रिकेट नहीं खेला जा सकता. इस महीने के शुरू में बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद यह कदम उठाया गया. बोर्ड के मुख्य वित्तीय अधिकारी संतोष रंगनेकर ने भी पिछले साल अध्यक्ष सौरव गांगुली की अगुआई में नए अधिकारियों के आने के बाद इस्तीफा दे दिया था.
(एजेंसी इनपुट)
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