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डेब्यू मैच में ऐसा क्या हुआ था, जो बाथरूम में खूब रोए थे सचिन, खुद सुनाया दिलचस्प किस्सा

Sachin Tendulkar On His Test Debut : आज जिस सचिन तेंदुलकर की मिसाल दी जाती है, उन्होंने जब 16 साल की उम्र में डेब्यू किया था, तब पहले ही मैच में रोने लगे थे... जी हां खुद दिग्गज ने इसकी पूरी कहानी सुनाई है...

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Sonam Gupta
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sachin tendulkar cry in bathroom after get out on debut test

sachin tendulkar cry in bathroom after get out on debut test( Photo Credit : Social Media)

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Sachin Tendulkar On His Test Debut : क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर दुनिया के सबसे सफल बल्लेबाज रहे हैं. उन्होंने टेस्ट और वनडे में ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड्स बनाए, जिसे तोड़ना तो दूर उसके करीब पहुंचना भी खिलाड़ियों के बस के बाहर है. मगर, दिग्गज बनने से पहले सचिन भी एक यंग प्लेयर थे और अपने डेब्यू मैच के बाद तो वो बाथरूम में छिपकर काफी रोए थे. आइए आज इस किस्से के बारे में जानते हैं...

डेब्यू मैच में पाकिस्तानी पेस के सामने आए सचिन

सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर 1989 में टेस्ट डेब्यू किया था. वो मैच सचिन शायद ही अपनी जिंदगी में कभी भूल पाएं. खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने पहले टेस्ट मैच के बारे में बात करते हुए कहा था कि, “पहली टेस्ट सीरीज बहुत ही अहम सीरीज थी. मैं 16 साल का था और मैं उस वक्त नहीं जानता था कि मैं क्या फेस कर रहा हूं. मैं पहले मैच में बैटिंग के लिए मैदान पर गया. स्कूल क्रिकेट फिर एक सीजन फर्स्ट क्लास और फिर बेस्ट बॉलिंग अटैक के खिलाफ खेलना. मुझे बिलकुल आइडिया ही नहीं था. मैं बार-बार उनकी रफ्तार से मात खा रहा था. मैंने कभी 90 और 95 प्रति घंटे की गेंदबाजी का सामना ही नहीं किया था. मैं बॉल देख तो पा रहा था, लेकिन मेरे रिएक्ट करने से पहले ही गेंद विकेटीकपर के पास चली जा रही थी.” 

मुझे लगा मैं इसके लिए नहीं बना

उस दौरान पाकिस्तान के पेस अटैक में इमरान खान, वकार यूनुस और अब्दुल कादिर जैसे खतरनाक गेंदबाज हुआ करते थे. सचिन ने आगे कहा, “मुझे ऐसा लगा कि मैं शायद गलत वक्त पर गलत जगह हूं. मैं 15 रन पर आउट हो गया. मैं आंखों में अपने आंसूओं को दबाए ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहा. मैं सिर्फ 16 साल का था, तो कहीं ना कहीं मेरे पास रोने की इजाजत थी. तभी मैं भागकर बाथरूम में गया और रोने लगा. तब मैंने खुद को शीशे में देखा और खुद से ही कहा कि इस लेवल का क्रिकेट तुम्हारे लिए नहीं है. तुम ये कर ही नहीं सकते. हालांकि, फिर सीनियर प्लेयर्स और कोचों ने मुझे काफी समझाया और कहा कि अपने आप को तुम कुछ वक्त दो.”

आधे घंटे खेलने का रखा टारगेट

भले ही पहली पारी में सचिन जल्दी आउट हो गए और दूसरी पारी में उनकी बैटिंग ही नहीं आई. वहीं दूसरे मैच में सचिन ने स्ट्रैटजी बनाई कि अब वो स्कोरबोर्ड की तरफ नहीं देखेंगे और इस स्ट्रैटजी ने काम किया और दूसरे ही मैच में सचिन ने 172 गेंदों पर 59 रन की अहम पारी खेली. सचिन ने इस बारे में बताया, “अगले मैच में मैं गया और मैंने फैसला किया कि स्कोर बोर्ड नहीं देखना है. जिस वक़्त में स्कोर बोर्ड की ओर से देख रहा था, उस वक़्त मुझे घड़ी की ओर देखना है. मैंने तय कि मेरा टारगेट था सिर्फ आधे घंटे तक बल्लेबाज़ी करना. रनों का बारे में चिंता नहीं करनी है. आधे घंटे के बाद मैं उस पेस का आदी हो गया.”

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