अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सौ शतक लगाने वाले भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपना पहला शतक आज ही के दिन यानी 14 अगस्त 1990 को बनाया था. सचिन ने इंग्लैंड (England) के खिलाफ ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले गए टेस्ट मैच में 119 रनों की पारी खेली थी और यहीं से शुरुआत हुई थी सचिन युग की. सचिन द्वारा इस मैच की दूसरी पारी में बनाया गया शतक पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना. इसके बाद सचिन ने शतकों की झड़ी लगा दी और 100 शतक लगाए.
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सचिन ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "अपने करियर का पहला शतक बनाना मेरे लिए काफी विशेष है, क्योंकि हम टेस्ट मैच बचाने और सीरीज को जिंदा रखने में सफल रहे थे और यह स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हुआ था. भारत के लिए खेलना मेरे लिए सम्मान की बात रही है और मैं आप सभी का इतने वर्षों तक दिए गए प्यार और सम्मान के लिए शुक्रिया अदा करता हूं."
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भारत को 408 रनों का लक्ष्य मिला था और उसने अपने छह विकेट 183 रनों पर ही खो दिए थे. एक युवा बल्लेबाज के तौर पर उतरे सचिन ने शानदार धैर्य दिखाया और बेहतरीन पारी खेली. उन्होंने मनोज प्रभाकर के साथ 160 रनों की साझेदारी की. सचिन 119 रनों पर नाबाद लौटे और मैच ड्रॉ करा भारत को हार से बचा लिया. सचिन उस समय सिर्फ 17 साल के थे और वह टेस्ट में शतक जमाने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने.
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47 साल के इस खिलाड़ी ने लिखा, "पहली पारी में मैंने 68 रन बनाए थे और सबसे आखिरी में आउट हुआ था. लेकिन दूसरी पारी में जब मैं नंबर-6 पर बल्लेबाजी करने गया तो हम कुछ विकेट खो चुके थे और हमें काफी सारे ओवर खेलने थे. मुझे जब मौका मिला मैंने आक्रमण किया. यह बात नहीं भूलनी चाहिए की वो मेरा पहला मैन ऑफ द मैच था."
सचिन ने अपने पहले शतक और 100वें शतक में भी अंतर बताया. उन्होंने कहा, "जब मैंने अपना पहला शतक बनाया तो मुझे नहीं पता था कि मैं 99 और बनाऊंगा. कई लोग थे जो मुझे सलाह दे रहे थे कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं, उन्हें नहीं पता था कि मैं 99 शतक और बनाने वाला हूं." सचिन ने इस शतक के बाद जो किया, उसका गवाह पूरा इतिहास है.
Source : IANS