महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) खेल के पारंपरिक प्रारूप को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट को लेकर जो दिलचस्पी पहले बनी रहती थी, अब वह समाप्त हो गई है. 70 और 80 के दशक में सुनील गावस्कर (Sunil gavaskar) बनाम एंडी रोबर्ट्स (Andy Roberts), डेनिस लिली (Dennis Lillee) या इमरान खान (Imran khan) के बीच गेंद और बल्ले की भिड़ंत देखने का इंतजार रहता था. इसी तरह तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) बनाम ग्लेन मैकग्रा (Glenn McGrath) या वसीम अकरम (wasim Akram) के बीच मुकाबला भी आकर्षण का केंद्र रहता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है, तेंदुलकर (Tendulkar)को ऐसा ही लगता है, जिन्होंने अपने 24 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 200 टेस्ट मैच खेले हैं.
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इस भारतीय क्रिकेटर ने अपने पदार्पण 15 नवंबर 1989 के बाद से पिछले 30 वर्षों में क्रिकेट में हो रहे बदलाव का आंकलन करते हुए कहा, लोग जो प्रतिद्वंद्विता देखना चाहते थे, वह अब नहीं रही है, क्योंकि इस समय विश्व स्तरीय तेज गेंदबाजों की बहुत कमी है. मुझे लगता है कि इस चीज की कमी अखरती है. इसमें कोई शक नहीं कि तेज गेंदबाजों का स्तर बेहतर किया जा सकता है. टेस्ट क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा केवल तीन देशों (भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड) तक ही सीमित है तो इस बारे के बारे में पूछने पर वह भी इससे सहमत थे. तेंदुलकर ने कहा, टेस्ट क्रिकेट का स्तर नीचे गिरा है जो टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी खबर नहीं है. क्रिकेट का स्तर ऊपर होने की जरूरत है और इसके लिए मैं फिर कहूंगा कि सबसे अहम चीज है खेलने वाली पिचें.
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, मुझे लगता है कि जो पिचें मुहैया कराई जाती हैं, इसका भी इससे लेना देना है. अगर हम अच्छी पिचें मुहैया कराएं जहां तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को भी मदद मिले तो गेंद और बल्ले में संतुलन बरकरार रहेगा. तेंदुलकर ने कहा, अगर संतुलन की कमी है तो मुकाबला कमजोर हो जाएगा और यह आकर्षक नहीं रहेगा. टेस्ट क्रिकेट में अच्छे विकेट होने चाहिए.
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टेस्ट क्रिकेट के बारे में अपनी राय जाहिर करने वाले सचिन तेंदुलकर ने इससे पहले वन डे क्रिकेट के बारे में भी अपनी टिप्पणी की थी. दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को और भी लोकप्रिय बनाने के लिए नया सुझाव दिया था. सचिन तेंदुलकर का मानना है कि एक दिवसीय क्रिकेट में कुछ नया करने का वक्त आ गया है. उनका मानना है कि 50 ओवर के खेल में अब दो नहीं बल्कि चार पारियां होनी चाहिए. एक ही साथ 50 ओवर खेलने के बाद टीमों को 25-25 ओवर दो बार खिलाने चाहिए. इसके साथ ही हर पारी के बाद 15-15 मिनट का ब्रेक यानी विश्राम मिलना चाहिए. सचिन तेंदुलकर ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में यह सारी बातें कही थीं.
Source : News Nation Bureau