महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपना उदाहरण देते हुए मंगलवार को युवाओं से कहा कि अगर ‘वे दुनिया के सामने अपनी कमजोरी नहीं लाना चाहते’ है तो शार्टकट लेने से बचे. उन्होंने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में कई चीजें देखी हैं, जिसमें जो बात मुझे याद आती है, वह है अनुशासन, एकाग्रता, ध्यान और योजना के बारे में बात करना, लेकिन इन सबसे ऊपर मुझे लगता है कि ऐसे कई मौके आए जब मैं अपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा.
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तेंदुलकर ने कहा कि मैं विफल भी हुआ लेकिन खेल और सही टीम ने मुझे बिना किसी शार्टकट के फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने के बारे में सिखाया. आपके रास्ते में कई कड़ी चुनौती आएगी, लेकिन अगर आप ईमानदारी से उसका सामना करेंगे तो दुनिया के सामने आपकी कमजोरी उजागर नहीं होगी. तेंदुलकर नवी मुंबई में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक गैटिंग और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष विजय पाटिल के साथ ‘तेंदुलकर मिडिलसेक्स ग्लोबल एकेडमी डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स सेंटर’ के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे.
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तेंदुलकर ने कहा कि छात्रों से खेल और पढ़ाई के बीच सामंजस्य बैठाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि मैं कहना चाहूंगा कि दोनों चीजों पर ध्यान देना जरूरी है. सामंजस्य बैठाना जरूरी है. जब आप मैदान में होते है तो खेल पर ध्यान दे और जब आप पढ़ाई कर रहे होते तो उसके बारे में ही सोचे. उन्होंने कहा कि मैं अभिभावकों को संदेश देना चाहता हूं कि पढ़ाई या खेल को लेकर बच्चों पर दबाव न डालें.