क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर जब खेला करते थे, तब जब भी वे खराब दौर से गुजरे तो अपने से पुराने दिग्गजों से बात करने में कभी गुरेज नहीं किया. वे अपनी कमियों पर बात करते थे और वहां से गलतियों के बारे में सीखते थे. लेकिन अब जबकि वे संन्यास का ऐलान कर चुके हैं, तो अपने से जूनियर खिलाड़ियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. जब भी कभी किसी जूनियर ने उनसे बात की और अपनी दिक्कत उन्हें बताई तो उन्होंने कभी मना नहीं किया और हमेशा साथ खड़े रहे. अब पता चला है कि अपने खराब दौर में पृथ्वी शाॅ ने भी सचिन तेंदुलकर से बात की थी और उसके बाद वे अच्छे खिलाड़ी बनकर अब फिर से सामने आ गए हैं. यह बात खुद सचिन तेंदुलकर ने एक बातचीत के दाैरान बताई.
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अपने क्रिकेट करियर के दौरान आदर्श खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का उस समय मार्गदर्शन किया था जब वह खराब दौर से गुजर रहे थे. 20 साल के पृथ्वी शॉ ने टेस्ट करियर का शानदार आगाज करते हुए पदार्पण मैच में शतक ठोका था. वह ऐसा करने वाले दूसरे सबसे युवा बल्लेबाज बने थे. टखने की चोट और डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद उन्हें 16 महीने तक खेल के मैदान से दूर रहना पड़ा. भारतीय क्रिकेट जगत में उनमें अनुशासन की कमी को लेकर भी चर्चा थी. ऐसे में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पृथ्वी शॉ से बातचीत कर उनके करियर को सही दिशा में ले जाने में मदद की.
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सचिन तेंदुलकर ने पीटीआई-भाषा से कहा, हां, यह सच है. पिछले कुछ वर्षों में पृथ्वी शॉ से मेरी कई बार बात हुई है. वह बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और मैं उसकी मदद करके खुश हूं. मैंने उनसे क्रिकेट और इस खेल से बाहर की जिंदगी के बारे में बात की. सचिन तेंदुलकर से जब पूछा गया कि उन्होंने पृथ्वी शॉ को क्या बताया तो वह इस बारे में बात करने में सहज नहीं दिखे. इस महान खिलाड़ी ने कहा, मेरा मानना है कि अगर किसी युवा ने मुझसे संपर्क किया है और मार्गदर्शन मांगा है तो कम से कम मेरी ओर से गोपनीयता बरकरार रहना चाहिए. ऐसे में मैं आपको यह नहीं बताना चाहूंगा कि किस मुद्दे पर बातचीत हुई थी. पृथ्वी शॉ ने हालांकि बाद में बताया था कि उन्हें मुंबई के इस सीनियर खिलाड़ी का मार्गदर्शन मिला था.
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, ठीक है, अगर पृथ्वी इसके बारे में बात करना चाहता है, तो यह उसकी मर्जी है. सचिन तेंदुलकर ने व्यक्तिगत स्तर पर कई युवा क्रिकेटरों का मार्गदर्शन किया है, लेकिन उन्होंने कभी उसका खुलासा नहीं किया. उन्होंने कहा, मैंने व्यक्तिगत स्तर पर बहुत सारे युवाओं से बात की है और उनका मार्गदर्शन किया है. अगर किसी को लगता है कि मैं उन्हें उनके खेल के बारे में मार्गदर्शन देने में मदद कर सकता हूं, तो मैं हमेशा तैयार रहता हूं. पृथ्वी शॉ के अलावा भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी बांग्लादेश के खिलाफ पिछले साल नवंबर में गुलाबी गेंद से खेले गए टेस्ट से पहले सुझाव लिया था. विराट कोहली ने कहा था, मैंने पहले दिन के खेल के बाद सचिन पाजी से बात की और उन्होंने एक बहुत ही दिलचस्प बात कही. उन्होंने कहा था कि गुलाबी गेंद के साथ आपको दूसरे सत्र को सुबह के सत्र की तरह लेना चहिए. क्योंकि इस समय अंधेरा हो रहा होता है और गेंद स्विंग होने लगती है. विराट कोहली इस मैच में शतक लगाकर दिन-रात्रि टेस्ट में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बने थे.
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आपको बता दें कि हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने अपना 47वां जन्मदिन मनाया था. हालांकि सचिन तेंदुलकर ने कोरोना वायरस के कारण आ रही दिक्कतों के चलते अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाने से इन्कार कर दिया था. सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट जीवन में कई ऐसे रिकार्ड बनाए जो कुछ तो टूट गए हैं, लेकिन कई सारे अभी रिकार्ड हैं. उन्हें तोड़ना आसान नहीं होने वाला. सचिन को क्रिकेट से संन्यास लिए अब करीब सात सात साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी तक रिकार्ड सचिन तेंदुलकर के नाम से ही जाने जाते हैं.
(इनपुट पीटीआई)
Source : News Nation Bureau