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2007 वर्ल्ड कप की हार के बाद संन्यास लेना चाहते थे Sachin Tendulkar, इस दिग्गज से बात करके बदला मन

क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले सचिन ने ऐसे कई रिकॉर्ड्स बनाए जिन्हें तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए एक ख्वाब ही हो सकता है.

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Sonam Gupta
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sachin tendulkar

sachin tendulkar want to retire in 2007 world cup but after viv richar( Photo Credit : Social Media)

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क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले सचिन ने ऐसे कई रिकॉर्ड्स बनाए जिन्हें तोड़ना किसी भी क्रिकेटर के लिए एक ख्वाब ही हो सकता है. लेकिन इतने सारे रिकॉर्ड्स के बावजूद सचिन का भी एक ख्वाब था और वो ख्वाब था वनडे वर्ल्ड कप जीतना. सचिन का ये ख्वाब अधूरा ही रह जाता अगर साल 2007 में उन्हें सात समंदर पार से एक फोन कॉल ना आई होती. किसकी थी वो फोन कॉल और क्यों की गई थी वो फोन कॉल ये हम आपको बताएगे आज के किस्से में.

सचिन देख रहे थे भारत को वर्ल्ड कप जिताने का ख्वाब

साल1994 में सलामी बल्लेबाज बनने के बाद सचिन का बल्ला आग बरसाने लगा था. अब उनका टारगेट था भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप जीतना. ये एक ऐसा मुकाम था जो जिसे भारत ने बस एक बार यानी 1983 में ही हासिल किया था. कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने इंग्लैंड के मशहूर लॉर्ड्स के मैदान पर तब की विश्वविजेता टीम वेस्टइंडीज के मात देकर भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाया था. 1987 के वर्ल्ड कप में भारत सेमीफाइनल में हार गया था और 1992 के वर्ल्डकप में तो टीम इंडिया सेमीफाइनल तक भी नहीं पहुंच सकी थी.

साल 1996 का वर्ल्डकप भारत में खेला गया. सचिन की फॉर्म टॉप पर थी. इस वर्ल्ड कप में सचिन ने दो शतक और तीन अर्द्धशतक जड़के 523 रन बनाए. क्रिकेट वर्ल्ड कप इतिहास में  किसी बल्लेबाज के लिए ये एक रिकॉर्ड था..लेकिन टीम इंडिया सेमीफाइनल में श्रीलंका से हारकर बाहर हो गई.

साल 2003 के वर्ल्ड कप में सचिन एक बार फिर से अपने ख्वाब के करीब पहुंचे थे. साउथ अफ्रीका में खेले गए इस वर्ल्डकप में सचिन ने सबसे ज्यादा 673 रन बनाए..लेकिन इंडिया फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गई. फिर आया साल 2007 का वो वर्ल्डकप जिसमें टीम इंडिया बांग्लादेश और श्रीलंका से हार कर ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गई..सचिन के बल्ले से तीन मैचों में बस 64 रन ही निकल सके थे. इसी साल यानी 2007 में टी 20 वर्ल्ड कप का भी आयोजन हुआ..भारत की ओर से धोनी की कप्तानी में एक युवा और नई टीम तैयार की गई. यही वो वक्त था जब सचिन के मन में संन्यास के खयाल आने लगे. अपने सबसे बड़े ख्वाब यानी वनडे वर्ल्डकप को जीते बिना ही सचिन क्रिकेट को अलविदा कहने का मन बना रहे थे..

विव रिचर्ड्स की बातों ने बदल दिया सचिन का मन

सचिन ने एक इंडिया टुडे के दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपने भाई अजीत तेंदुलकर से इस बारे में बात भी की.और फिर सचिन के लिए वेस्टइंडीज से एक फोन कॉल आई.ये कॉल थी मशहूर कैरेबियाई बल्लेबाज सर विवयन रिचर्ड्स की.विव रिचर्ड्स को सचिन आपना  रोल मॉडल मानते थे. ये कॉल करीब 45 मिनट तक चली और रिचर्ड्स ने सचिन को समझाया उनमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है.. साल 2011 का वर्ल्ड कप भारत में होना था और सचिन के पास अपना ख्वाब पूरा करने का एक और मौका था.

विव रिचर्ड्स की बातों ने असर किया और सचिन ने संन्यास लेने का अपना इरादा बदल दिया. साल2011 के वर्ल्ड कप में सचिन भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने.उन्होंने 482 रन बनाए और धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने सचिन के ही शहर मुंबई खेले गए फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को मात देकर वर्ल्डकप जीत लिया. साल 2007 में उस रोज अगर सर विवियन रिचर्ड्स की कॉल नहीं आई होती तो शायद सचिन इस वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा बनने से चूक जाते.

HIGHLIGHTS

  • 2007 में रिटायर होना चाहते थे सचिन
  • विव रिचर्ड्स से बात करके बदला सचिन का इरादा
  • 2011 में टीम इंडिया ने जीता वनडे वर्ल्ड कप
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