भारत के वेस्टइंडीज दौरे में भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कुछ प्रयोग करने का मन बनाया था, उन्होंने अपने कहे अनुसार प्रयोग किए भी, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने इस प्रयोग को सफल नहीं होने दिया, उन्हीं में से एक बल्लेबाज हैं केएल राहुल. लगातार दो मैचों की चारो पारियों में उनका फ्लाप शो जारी रहा. लगातार दोनों मैचों की चारो पारियों में मौका मिलने के बाद भी वे कुछ खास नहीं कर सके. इससे कप्तान विराट कोहली के भविष्य के प्लान को भी जोर का झटका लगा है.
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भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू होने से पहले ही कप्तान विराट कोहली ने ऐलान कर दिया था कि दोनों टेस्ट मैचों की चारो पारियों में एक ही सलामी जोड़ी को मौका दिया जाएगा, ताकि उन पर टीम से बाहर होने का दबाव न रहे. कप्तान विराट कोहली ने इस सीरीज में ज्यादा प्रयोग न करने का मन इसलिए बनाया था, ताकि खिलाड़ियों को मौका मिले और वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें.
पहले से लेकर दूसरे टेस्ट तक भारत की ओर से केएल राहुल और मयंक अग्रवाल ने ही पारी की शुरुआत की. इसमें मयंक अग्रवाल ने तब भी ठीकठाक प्रदर्शन किया, लेकिन केएल राहुल कमजोर कड़ी साबित हुए. पहले मैच की पहली पारी में राहुल ने 97 गेंद पर 44 रन की पारी खेली.
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इसके बाद दूसरी पारी में भी वे 85 गेंद पर 38 रन ही बना सके. दूसरे मैच में तो और भी खराब प्रदर्शन केएल राहुल ने किया. पहली पारी में 26 गेंद पर 13 रन और दूसरी पारी में महज छह रन बनाकर वे आउट हो गए. छह रन बनाने के लिए उन्होंने 63 गेंदों का सामना किया. दो मैचों की चारो पारियों में खेलते हुए उन्होंने कुल 101 रन बनाए. इस सीरीज में उनका उच्चतम स्कोर 44 रहा, यानी वे एक अर्द्धशतक तक नहीं लगा पाए. उन्होंने 25 की औसत से इस सीरीज में बल्लेबाजी की. खास बात यह रही कि वे अपनी चारो पारियों में एक भी छक्का नहीं लगा सके और सिर्फ 12 ही चौके मारे. उनका स्ट्राइक रेट भी काफी खराब रहा, सिर्फ 37 के स्ट्राइक रेट से उन्होंने बल्लेबाजी की, जो सलामी बल्लेबाज के लिए काफी शर्मनाक कहा जा सकता है.
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इसके अलावा अगर दूसरे सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल की बात करें तो उनका प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा. मयंक ने पहले मैच की पहली पारी में पांच रन बनाए, वहीं दूसरी पारी में वे सिर्फ 16 रन ही बना सके. दूसरे मैच की बात करें तो उन्होंने जरूर 55 रन की अर्द्शतकीय पारी खेली, लेकिन इसके लिए 127 गेंदों का सामना उन्हें करना पड़ा. इसके बाद दूसरी पारी में वे चार ही रन बना सके. चारो पारियों में उनके प्रदर्शन की बात करें तो मयंक कुल 80 रन ही बना सके. उन्होंने सिर्फ ही अर्द्धशतक लगाया. उन्होंने 20 के औसत से रन बनाए, उनका स्ट्राइक रेट भी राहुल से कुछ ज्यादा 40 रन का रहा. उन्होंने भी 11 चौके मारे, लेकिन कोई छक्का नहीं मार सके.
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दोनों मैचों की चारो पारियों में साझेदारी की बात करें तो पहले मैच ही पहली पारी में सलामी बल्लेबाजी की साझेदारी महज पांच रन ही रही. इसी मैच की दूसरी पारी में इस दोनों ने 30 रन की साझेदारी की. दूसरे मैच की पहली पारी में इन दोनों ने 32 रन की आरंभिक साझेदारी की और दूसरे मैच में तो यह साझेदारी नौ रन ही टूट गई. सलामी बल्लेबाजी के तौर पर साथ साथ मैदान पर आने वाले मयंक अग्रवाल और केएल राहुल में से कभी राहुल तो कभी मयंक आउट होते रहे और भारत को पहला झटका लगता रहा.
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दोनों मैचों में अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, विराट कोहली में से कोई न कोई बल्लेबाज मध्यक्रम को संभाले रहा, इसलिए टीम को जीत मिलती रही, लेकिन सलामी जोड़ी ने निराश ही किया है. इस तरह से वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में सलामी जोड़ पूरी तरह से फ्लाप साबित हुई. अब भारत को अपने घर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों में काफी फर्क है, इसलिए भारतीय चयनकर्ताओं और कप्तान विराट कोहली को किसी दूसरे विकल्प पर विचार करना होगा.
Source : पंकज मिश्रा