भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज खेले कई साल बीत गए हैं. अब केवल एशिया कप और आईसीसी टूर्नामेंट में ही इन दोनों टीमों का आमना-सामना होता है. इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि केवल पाकिस्तान ही नहीं बल्कि भारत के क्रिकेट फैंस भी चाहते हैं कि इन दोनों टीमों के बीच बाइलेटरल सीरीज होनी चाहिए. लेकिन खराब राजनीतिक संबंधों की वजह से ऐसा होना संभव नहीं है. क्रिकेट में भारत और पाकिस्तान से बड़े कोई प्रतिद्वंद्वी मौजूद हैं.
ये भी पढ़ें- फिटनेस के नाम पर समय की बर्बादी कर रहे हैं टीम इंडिया के खिलाड़ी, भारत के पूर्व ट्रेनर ने कही ये बात
ऐसे लोगों की भी कोई कमी नहीं है जो क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी मानते हैं. यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एशेज सीरीज में हर बार जी-जान लगा देते हैं. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर सकलैन मुश्ताक का मानना है कि क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड से भी बड़े प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान हैं, इसलिए आईसीसी को इन दोनों टीमों के बीच द्विपक्षीय सीरीज के बारे में विचार करना चाहिए. बता दें कि पड़ोसी मुल्क में भारत और पाकिस्तान के बीच बाइलेटरल सीरीज को लेकर काफी जबरदस्त माहौल बनाया जा रहा है.
ये भी पढ़ें- पत्नी का स्विम सूट पहनकर नाव चलाते दिखे डेविड वॉर्नर, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सकलैन मुश्ताक से पहले शोएब अख्तर और शाहिद अफरीदी भी भारत-पाकिस्तान सीरीज को लेकर दिलचस्पी दिखा चुके हैं. ऐसे में सकलैन मुश्ताक की इच्छा ने शोएब अख्तर और शाहिद अफरीदी की ख्वाहिशों में दम भर दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी मैच विश्व कप 2019 में खेला गया था, जिसमें टीम इंडिया ने पाकिस्तान को 89 रनों से शिकस्त दी थी. विश्व कप में पाकिस्तान जहां लीग राउंड से ही बाहर हो गया था, तो भारत को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
ये भी पढ़ें- टीम इंडिया में केएल राहुल को मिलेगी धोनी की जगह? बड़ी जिम्मेदारी को लेकर बल्लेबाज ने कही ये बात
पाकिस्तान के पूर्व स्पिन गेंदबाज सकलैन मुश्ताक ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को विश्व स्तर पर अपनी प्रतिद्वंद्विता को बरकरार रखना चाहिए और इसके लिए दोनों टीमों के लिए द्विपक्षीय सीरीज खेलना बहुत जरूरी है. उन्होंने भारत-पाक सीरीज के कुछ फायदे भी गिनाए हैं. मुश्ताक ने कहा कि भारत-पाक सीरीज से न केवल बीसीसीआई और पीसीबी को वित्तीय फायदा पहुंचेगा, बल्कि दोनों देशों के आपसी संबंधों में भी काफी सुधार होगा. हालांकि, दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों को देखते हुए बाइलेटरल सीरीज आयोजित होना टेढ़ी खीर जैसा है.
Source : News Nation Bureau