शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को ना मानने पर फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें ना मानने वाले राज्य एसोसिएशनों के फंड को रोकने का आदेश दिया है।
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वो 13 राज्य एसोसिएशन जिन्हे फंड दिए जा चुके हैं वो भी बिना अंडरटेकिंग दिए फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर से पूछा है कि क्या उन्होंने आईसीसी को ये लिखा था कि लोढ़ा कमेटी BCCI के मामले में हस्तक्षेप कर रही है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 17 अक्टूबर को होगी।
एक नजर आखिर क्या-क्या हुआ इस मामले में
1- मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने बीसीसीआई को कहा कि वह अदालत को लिखित में दे कि वह बिना किसी शर्त लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करेगी वरना अदालत को अपना आदेश पारित करना होगा।
2- कोर्ट ने साफ किया कि बीसीसीआई को बड़े भुगतान से पहले इजाज़त लेनी होगी।
3- BCCI को 'कथनी' से नहीं, बल्कि 'करनी' से कोर्ट का सम्मान का सम्मान करना चाहिए।
4- इसके साथ ही कोर्ट ने एमाइकस क्यूरी गोपाल सुब्रह्मण्यम से भी पूछा कि बोर्ड के शीर्ष पांच पदाधिकारी में से कितने क्रिकेटर हैं?
5- BCCI अध्यक्ष अनुराग ठाकुर पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए। कोर्ट ने पूछा कि क्या अनुराग ठाकुर क्रिकेटर हैं?
6- इस सवाल के जवाब में कपिल सिब्बल ने माना कि बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर राजनेता हैं। लेकिन इसके तुरंत बाद उन्होंने ठाकुर को क्रिकेट खिलाड़ी भी बता दिया।
7- इस हल्के माहौल में चीफ जस्टिस ने भी कहा –यहाँ सब क्रिकेटर हैं। मैं भी एक क्रिकेट मैच में जजों की टीम का कैप्टन था। कपिल सिब्बल ने बात को संभालते हुए कहा –“बीसीसीआई अध्यक्ष अपने राज्य के लिए रणजी क्रिकेट खेल चुके हैं।”
8- कोर्ट ने फंड ट्रांसफर के लिए लोढ़ा समिति की इजाजत लेने के लिए कहा है।
9- राज्य संघों को पैसे देने में पारदर्शिता होनी चाहिए और इसके लिए एक पॉलिसी होनी चाहिए। आप रातोंरात सीधे 400 करोड़ का फंड यूं ही ट्रांसफर नहीं कर सकते है।
Source : News Nation Bureau