शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में मुश्किल हालात में खेलते हुए शतकीय साझेदारी निभाई. ये दोनों ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं. अपने करियर का पहला अर्धशतक लगाने वाले शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने उस समय खेलना शुरू किया था, जब तीसरे दिन लंच के ठीक बाद भारत ने 186 रनों के कुल योग पर छठा विकेट गंवा दिया था.
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वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से क्रिकेट दिग्गजों को कायल कर दिया है. सात और आठ नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए दोनों ने 7वीं विकेट के लिए सबसे बड़ी 123 रनों की साझेदारी की. दोनों ने पार्टनरशिप करते हुए अपनी अपनी पहली हाफ सेंचुरी लगाई. शार्दुल ठाकुर 67 रन पर आउट हुए. वॉशिंगटन सुंदर टीम इंडिया के लिए पहला मैच खेल रहे हैं. साथ ही उन्होंने एक खास कीर्तिमान भी बना लिया है. भारत की ओर से डेब्यू मैच में तीन विकेट और 50 रन बनाने वाले सुंदर तीसरे खिलाड़ी बन गए हैं. इससे पहले दत्तु फड़कर ने साल 1947 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये कारनामा किया था. इसके बाद साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ हनुमा विहारी भी ये काम कर चुके हैं.
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ऑस्ट्रेलिया ने अपने पहली पारी में 369 रन बनाए थे और इस लिहाज से भारत बुरी तरह पिछड़ता दिखाई दे रहा था, लेकिन फिर इन दोनों ने 180 गेंदों पर 100 रन जोड़कर भारत को मुश्किल से निकाला. भारत के लिए सातवें विकेट के लिए जनवरी 2019 के बाद पहली शतकीय साझेदारी हुई है. इससे 2018-19 में ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने सिडनी में 204 रन जोड़े थे. ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी का इससे पहले का अगला रिकार्ड काफी पुराना है. 1947-48 में जब आजाद भारत की टीम पहली बार विदेशी दौरे पर आस्ट्रेलिया गई थी तब विजय हजारे और हेमू अधिकारी ने एडिलेड में 132 रन जोड़े थे. इसके अलावा 1991-92 सीरीज में मोहम्मद अजहरुद्दीन और मनोज प्रभाकर ने सातवें विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी की थी.
Source : IANS