जैसी की उम्मीद की जा रही थी, ठीक वैसा ही हुआ. आखिरकार पाकिस्तान ने अपनी जात दिखा ही दी. जो शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) दो दिन पहले क्रांति करते हुए नजर आ रहे थे, वे अपने बयान से पलट गए हैं. पाकिस्तान के स्पिनर दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) के बारे में बोला था, उससे अब किनारा करते हुए दिखाई दे रहे हैं. पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने साफ किया है कि दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) के सम्बंध में दिए गए उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. शोएब अख्तर के मुताबिक उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि हिंदु होने के नाते पाकिस्तानी टीम में दानिश कनेरिया के साथ गलत व्यवहार होता था. शोएब अख्तर ने कहा कि पाकिस्तानी टीम में कभी भी इस तरह की संस्कृति नहीं रही है और खासतौर पर धर्म के आधार पर कभी भी किसी खिलाड़ी के साथ भेदभाव नहीं किया गया.
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शोएब अख्तर ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी टीम में कुछ खिलाड़ी थे तो उन्हें टीम में नहीं चाहते थे क्योंकि वह हिंदु धर्म के थे. इसके बाद स्पॉट फिक्सिंग के कारण प्रतिबंध झेल रहे दानिश कनेरिया ने कहा था कि कुछ खिलाड़ी थे, जिन्होंने उन्हें निशाने पर लिया था लेकिन उन पर कभी भी धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं था. शनिवार को पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने भी कहा कि कनेरिया उनकी कप्तानी में खेले और इस दौरान उनके साथ किसी भी तरह के गलत व्यवहार की उन्हें कोई जानकारी नहीं. शोएब अख्तर ने इन तमाम बातों को लेकर जारी विवाद पर सफाई पेश करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में अख्तर ने कहा, मैंने इस पूरे मामले को देखा है. मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.
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अख्तर ने कहा, हमें हर खिलाड़ी का सम्मान करना था लेकिन एक या दो खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने दानिश कनेरिया को टारगेट किया. इस तरह के खिलाड़ी हर जगह होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि इन्हें टीम के हर सदस्य का समर्थन मिलता है. कनेरिया ने अख्तर के इंटरव्यू के बाद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर गम्भीर आरोप लगाए थे. दानिश कनेरिया ने शनिवार को कहा था कि प्रतिबंध लगने के बाद इन दोनों ने उनकी कोई मदद नहीं की. कनेरिया ने ट्विटर पर लिखा, यह सच है कि मेरे कबूलनामे के बाद मुझे पाकिस्तान सरकार या बोर्ड से किसी तरह का समर्थन नहीं मिला जबकि मेरी ही जैसी स्थिति से निकले अन्य खिलाड़ी पाकिस्तान के लिए खेल रहे हैं. वो भी पीसीबी के समर्थन के साथ और उन्हें सम्मान भी दिया जा रहा है.
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39 साल के इस खिलाड़ी ने हालांकि कहा है कि पाकिस्तान की जनता ने उनसे कभी मुसलिम प्रधान देश में हिन्दु होने पर सौतेला व्यवहार नहीं किया. कनेरिया ने लिखा, पाकिस्तान के लोगों ने हालांकि मेरे साथ कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया. मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं पाकिस्तान के लिए पूरी ईमानदारी से खेल सका. अब यह मेरे देश की सरकार, इमरान खान, पीसीबी का मसला है, मेरा भविष्य उनके हाथ में है.
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शोएब अख्तर ने कहा कि मेरी बात को क्या से क्या बना दिया गया. मैं दो दिन से देख रहा था कि लोग कैसे रिएक्ट करते हैं. इस दौरान खूब बहस हुई और खबरें भी चलीं. शोएब अख्तर ने साफ किया कि उन्होंने टीम कल्चर ऐसी बात नहीं कही थी. ये टीम का कोड और कंडक्ट नहीं है. एक दो खिलाड़ी ऐसा करते थे, जो पूरी दुनिया में होते थे. मैं बात को वहीं दबाना चाहता था. इसलिए मैंने कहा कि तुम्हें उठाकर बाहर फेंक दूंगा. ये जो बात कही वह करीब दस से 15 साल पुरानी है. हम उसे बदलना चाहते थे. उस बुरी बात को वहीं दबा दिया. उसे आगे नहीं जाने दिया. बतौर सोसायटी हम काफी आगे बढ़े हैं. हमारे देश का कल्चर इस तरह का नहीं है. दो चार लोग हर जगह होते हैं. दानिश ने पाकिस्तान को कई मैच जिताए. मेरा खुद का नाम बन गया था. लोग काफी प्यार भी करते हैं.
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शोएब अख्तर ने कहा कि दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान के लिए 10 साल क्रिकेट खेला है. उन्हें पूरा मान सम्मान दिया गया. यहां तक कि मुश्ताक अहमद को ड्राप करके भी उन्हें खिलाया गया. उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी की है. पाकिस्तान ने उसे टीम ये बाहर नहीं निकाला. मैच फिक्सिंग वाला मामला उठा, उसके बाद उसे बाहर निकाला गया. दानिश का पाकिस्तान में पूरा सम्मान है. पाकिस्तान ने कोई ज्यादती नहीं की. जो कहा है उस पर आज भी खड़ा हूं. पाकिस्तान सभी का घर है, यहां हिन्दू मुस्लिम और सिख सभी तरह के लोग रहते हैं.
Source : IANS/News Nation Bureau