कोरोनावायरस (CoronaVirus) के कारण लॉकडाउन (LockDown) लागू होने से पहले श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने अपनी तीन एकदिवसीय पारियों में 103, 52 और 62 रन बनाए थे. यह तीनों पारियां उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली थीं, वो भी नंबर-4 पर आकर. मुंबई का यह बल्लेबाज हालांकि अतीत की पारियों में ही नहीं खोया रहना चाहता. वह क्रिकेट को दोबारा वहीं से शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, जहां से खेल इनसे छूटा था. श्रेयस अय्यर ने आईएएनएस से बात करते हुए न सिर्फ वापसी के समय की मानसिक स्थिति को लेकर बात की बल्कि यह भी बताया कि वह घर में इस लॉकडाउन के समय क्या कर रहे हैं. साथ ही गेंदबाजों को वापसी के बाद सलाइवा के इस्तेमाल की मंजूरी देनी चाहिए या नहीं, इस पर भी श्रेयस अय्यर ने अपनी बात रखी.
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श्रेयस अय्यर ने कहा कि वह क्रिकेट खेलने के लिए बेसब्र हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी आसान नहीं होगी. श्रेयस अय्यर ने कहा, एक बल्लेबाज के तौर पर टाइमिंग वापस हासिल करने और अपनी मसल मेमोरी को मजबूत करने के लिए आपको कुछ नेट सेशन की जरूरत तो होगी. आप काफी दिनों बाद बल्ला पकड़ेंगे और आपके सामने गेंदबाज 140 प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करेंगे, इसिलए उस जोन में आना आसान नहीं होगा. इसके लिए कुछ नेट सेशन चाहिए होंगे जिससे दिमाग भी पूरी तरह से संभल जाए.
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उन्होंने कहा, यह आसान नहीं रहने वाला है, लेकिन हम पेशेवर हैं और हम इस स्तर पर पहुंचने के लिए काफी वर्षों से खेल रहे हैं, इसलिए हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा. हमारे लिए इससे बाहर आना और क्रिकेट शुरू करना एक अच्छी चुनौती होगी. मैदान पर लौटने को लेकर कई खिलाड़ियों के अपने-अपने विचार हैं. वहीं श्रेयस अय्यर को लगता है कि लाइव क्रिकेट भारतीय जनता को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करेगी क्योंकि यह खेल भारत में धर्म के समान है. उन्होंने कहा, मैं क्रिकेट खेलने को लेकर बेसब्र हूं क्योंकि मैं इसी का इंतजार कर रहा हूं. आपको पता है कि क्रिकेट भारत में धर्म है और अगर हम क्रिकेट खेलते हैं जिसे लोग टीवी पर देख सकते हैं, तो यह सकरात्मक चीज होगी और चीजें सामान्यता की ओर बढ़ने लगेंगी. लोगों का भी मनोरंजन होगा. इस बात की कोई गांरटी नहीं है कि क्रिकेट कब लौटेगी, इस बात को जानते हुए हर दिन अपनी फिटनेस पर काम करना क्या श्रेयस अय्यर को भाता है, क्या वो इससे परेशान नहीं होते? इस सवाल पर अय्यर ने कहा कि यह ऐसी स्थिति है जो किसी ने कभी नहीं देखी, इसलिए सकारात्मक मानसिकता जरूरी है.
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श्रेयस अय्यर ने कहा, एक खिलाड़ी होने के नाते इस तरह की स्थिति में होना काफी मुश्किल होता है क्योंकि हम पहले कभी इस तरह की स्थिति में नहीं रहे. हम कभी क्रिकेट से इतने लंबे समय तक दूर नहीं रहे, लेकिन अगर आप अपनी मानसिकता साफ रखते हो और अपना रूटीन बनाए रखते हो तो मुझे नहीं लगता कि पुराने जोन में आना मुश्किल होगा. अय्यर ने कहा, हां यह कई बार मुश्किल भी होता है और परेशानी वाला भी क्योंकि आप लॉकडाउन के कारण घर में बंद हो. इस पेरशानी से बचने और सक्रिय रहने के लिए मैं कुछ ड्रिल्स और एक्टीविटी करता रहता हूं. वीडियो बनाने की वजह लोगों को खुश रखना और मनोरंजन करना होती है क्योंकि लोग इस समय घर में हैं और इसलिए यह जरूरी है. क्रिकेट की वापसी को लेकर कुछ नियमों को बदलने की बात चल रही हैं जिनमें से एक है गेंदबाजों द्वारा गेंद को चमकाने के लिए सलाइवा (लार) का उपयोग बंद कर देना और इसकी जगह कुछ और चीज का इस्तेमाल करना. इस पर श्रेयस अय्यर ने कहा कि गेंदबाजों को भी मदद की जरूरत है.
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दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, अगर हम शुरू कर रहे हैं तो किसी तरह की पाबंदियां नहीं होनी चाहिए. एक बल्लेबाज के तौर पर मैं चाहता हूं कि गेंद नई हो और गेंदबाज के तौर पर आप चाहते हो कि गेंद स्विंग करे. इसलिए यह दोनों के लिए समान तरीके से अहम है. यह नियम बनाने वाली संस्था का फैसला है जिसे हमें मानना होगा. आस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ बात करते हुए कहा था कि अगर सलाइवा और पसीना लगाने से कोरोनावायरस के फैलने का डर है तो क्रिकेट शुरू करने वाली पहली चीज नहीं होनी चाहिए. अय्यर ने भी कमिंस की बात में हामी भरी है.
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उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर, वह एक गेंदबाज के तौर पर बोल रहे हैं, एक गेंदबाज के नजरिए से. गेंद को स्विंग कराना काफी जरूरी है. गेंद को बनाए रखना काफी जरूरी है और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो खेलने का कोई मतलब नहीं है. अय्यर ने टेस्ट टीम में जगह बनाने को लेकर भी बात की. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, हां, मैं हमेशा से टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं. टेस्ट टीम में आने के लिए मेरा रणजी ट्रॉफी का औसत काफी अच्छा है. मैं लगातार अच्छा कर रहा हूं. इसलिए मैं टेस्ट टीम में आने और वहां अपनी जगह पक्की करने को तैयार हूं.
Source : IANS