भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने डब्ल्यूवी रमन को भारतीय महिला टीम के कोच पद पर बरकरार नहीं रखे जाने को लेकर नाराजगी जताई है. क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार सौरव गांगुली ने आधिकारिक रूप से इस मामले को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज डब्ल्यूवी रमन को क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने महिला टीम के कोच पद पर बरकरार नहीं रखा है और उनकी जगह रमेश पवार को टीम का नया कोच बनाया था. सौरव गांगुली ने रमेश पवार के चयन को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि जिस कोच के नेतृत्व में टीम कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची, उन्हें पद पर बरकरार नहीं रखा गया.
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ऐसा समझा जाता है कि टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने रमन की शिकायत की थी, लेकिन बीसीसीआई के अध्यक्ष का मानना है कि डब्ल्यूवी रमन को पद पर बनाए रखना चाहिए था. भारत ने 2020 में हुए टी20 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय महिला टीम को इस साल मार्च में दक्षिण अफ्रीाका के खिलाफ हुई घरेलू सीरीज में भी हार का सामना करना पड़ा था. महिला क्रिकेट में जो लोग शामिल हैं, उन्होंने कहा कि सौरव गांगुली को सीएसी के फैसला का सम्मान करना चाहिए. सौरव गांगुली को पता होना चाहिए कि सीएसी एक स्वत्रंत संस्था है.
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इससे पहले पूर्व कोच डब्ल्यूवी रमन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सितंबर-अक्टूबर में होने वाले अपने पहले डे-नाइट टेस्ट से पहले अभ्यास मैच के अभाव में भारतीय टीम को गुलाबी गेंद से काफी अभ्यास करना चाहिए और लिमिटेड ओवरों की सीरीज पर ध्यान देना चाहिए. क्रिकइंफो ने रमन के हवाले से लिखा है कि अभ्यास मैच खेलना अब थोड़ा अव्यावहारिक लगता है इसलिए, सबसे अच्छा विकल्प यह होगा कि आप जितना हो सके गुलाबी गेंद से खेलने की कोशिश करें और इसके साथ अभ्यास करें और देखें कि गेंदबाजों को क्या करने की जरूरत है. इसे अपनी आदत में शामिल करने की जरूरत है. भारत पूरी सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा, जिसमें एक टेस्ट, तीन वनडे और तीन टी20 मैच शामिल होंगे. वाका ग्राउंड में टेस्ट 30 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच होगा और इससे पहले सीमित ओवरों की सीरीज होगी. 2014 के बाद यह पहला मौका होगा, जब भारतीय टीम टेस्ट मैच खेलेगी. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि बल्लेबाजों के लिए भी ऐसा ही है. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे गुलाबी गेंद से जो भी आशंकाएं और चिंताएं हैं, उन्हें दूर करें.
Source : IANS/News Nation Bureau