Sourav Ganguly BCCI President: सौरव गांगुली जल्द ही बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव लड़ते हुए आपको नजर आने वाले हैं. जैसा आप जानते हैं कि गांगुली अभी बोर्ड ऑफ़ कंट्रोल यानी BCCI के मौजूदा प्रेजिडेंट हैं. बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन की बात करें तो साल 2015 में भी सौरव गांगुली CAB के प्रेजिडेंट रह चुके थे. गांगुली के बाद जगमोहन डालमिया के बेटे अभिषेक डालमिया को ये जिम्मेदारी दी गयी थी. अब जब अभिषेक डालमिया का कार्यकाल का समय पूरा हो रहा है तो गांगुली एक बार फिर से चुनाव में कूदने जा रहे हैं. इससे पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष पर उनकी जगह 1983 वर्ल्ड की विजेता टीम के हिस्सा रहे रोजर बिन्नी को बीसीसीआई की अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा रही है.
सौरभ गांगुली ने इस बात पर कहा भी था कि कि कोई व्यक्ति हमेशा एक पद पर नहीं रह सकता है. उनका मानना है कि फैंस होने की तुलना में क्रिकेट खेलना ज्यादा मुश्किल है. उन्होंने एक इवेंट में कहा था, 'एक खिलाड़ी के रूप में चुनौतियां बहुत अधिक थी, एक फैंस के रूप में आपके पास चीजों को ठीक करने का समय है, लेकिन अगर आपको टेस्ट की पहली सुबह ग्लेन मैकग्रा की गेंद पर किनारा दे बैठते हैं और अपनी विकेट गंवा देते हैं तो उसे ठीक करने का समय आपके पास नहीं होता है. कोई भी व्यक्ति हमेशा के लिए एडमिन या स्पोर्ट्समैन नहीं हो सकता. हमेशा के लिए हर कोई एक भूमिका में नहीं रह सकता है. चाहे वह एक खिलाड़ी के रूप में हो या एक फैंस के रूप में.'
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गांगुली ने आगे कहा, 'हर किसी को एक लंबे समय तक बने रहने के लिए कुछ फैसले लेने होते हैं. आपको इसे हर महीने करना चाहिए. आप एक दिन में सचिन तेंदुलकर या नरेंद्र मोदी कोई नहीं बन जाते.' गांगुली ने कहा, ' मैं पांच साल तक बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष था, बीसीसीआई का अध्यक्ष रह चुका, इन सभी शर्तों के बाद आपको जाना होगा. एक प्रशासक के रूप में आपको टीम के लिए बहुत योगदान देना होता है और चीजों को बेहतर बनाना होता है.
एक खिलाड़ी होने के नाते मैंने सभी चीजों को अच्छे से समझा. मैंने एक प्रशासक के रूप में अपने समय का पूरा आनंद लिया. आप हमेशा टीम में नहीं खेल सकते और न ही प्रशासन में रह सकते हैं. लेकिन एक खिलाड़ी के तौर पर लाइफ काफी बेहतरीन थी, वो 15 साल काफी यादगार थे. मैंने एक लीडर के रूप में अपना करियर बनाया. लेकिन एक ही लाइन में बहुत सी चीजें हैं. अगर आप भारतीय क्रिकेट में पिछले तीनसालों को देखें तो कई अच्छी चीजें हुई हैं.'
करियर की बात करें तो 113 टेस्ट मैचों में गांगुली के बल्ले से 42.17 की औसत से 7212 रन निकले हैं. जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन भारत के लिए बनाए हैं. 22 शतक और 72 अर्धशतक सौरव ने वन डे मैचों में लगाए हैं.
Source : Sports Desk