रविन्द्र जडेजा की वेस्टइंडीज के खिलाफ कटक में खेली गई महत्वपूर्ण पारी से प्रभावित बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि इस हरफनमौला खिलाड़ी की बल्लेबाजी में सुधार भविष्य में भारतीय टीम के लिए काफी अहम होगा. एकदिवसीय क्रिकेट में 11 अर्धशतक लगा चुके जडेजा ने रविवार को खेले गए मैच में अहम मौके पर 31 गेंद में 39 रन की पारी खेली, जिससे भारतीय टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच और सीरीज अपने नाम करने में सफल रही. सौरव गांगुली ने बीसीसीआई को टैग करते हुए ट्वीट किया, एक और जीत. दबाव के क्षण में अच्छी बल्लेबाजी के लिए बधाई. बल्ले से रविन्द्र जडेजा के प्रदर्शन में सुधार काफी अहम है. जडेजा को लेकर सौरव गांगुली की संतुष्टि समझी जा सकती है क्योंकि करियर की शुरूआत में उन पर आखिरी ओवरों में बड़े शाट खेलने में नाकाम करने का आरोप लगते रहा है. पिछले कुछ वर्षों में हालांकि उनमें बदलाव आया है और उन्होंने एकदिवसीय में 2000 से ज्यादा (2188) रन बनाए है जबकि टेस्ट में उनके बल्ले से 1844 रन आए है. उन्होंने टेस्ट में एक शतक और 14 अर्धशतक भी लगाए हैं.
Another win @bcci ...congratulations..good performances with the bat in a pressure game..jadeja s improvement with the bat so important ...
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) December 22, 2019
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इस बीच वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी मैच में नाबाद 39 रन बनाने वाले रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने कहा कि उन्हें दुनिया को नहीं बल्कि खुद को साबित करना है कि वह वनडे क्रिकेट खेल सकते हैं. रविंद्र जडेजा सीमित ओवरों की टीम का नियमित हिस्सा नहीं थे, लेकिन इंग्लैंड में वनडे विश्व कप से पहले योजना का हिस्सा बने. भारत के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने उन्हें ‘टुकड़ों टुकड़ों में खेलने वाला खिलाड़ी’ कहा था, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में उन्होंने 59 गेंदों में 77 रन बनाकर टीम को जीत के करीब पहुंचा दिया था.
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रविंद्र जडेजा ने कहा, मुझे खुद को साबित करना था कि मैं अभी भी सीमित ओवरों का क्रिकेट खेल सकता हूं. मुझे दुनिया में किसी को कुछ साबित नहीं करना था. रविवार की अपनी पारी के बारे में उन्होंने कहा, यह काफी अहम पारी थी, क्योंकि यह निर्णायक मैच था. विकेट बल्लेबाजी के लिए उम्दा था. हमें बस गेंद को भांपकर खेलना था. उन्होंने कहा, मैने इस साल ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला. लेकिन जब भी मौका मिला गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की. छह गेंद में नाबाद 17 रन बनाने वाले शार्दुल ठाकुर के बारे में उन्होंने कहा, आखिरी गेंद तक खेलना अहम था. हमें पता था कि हम ही जीतेंगे. रविंद्र जडेजा ने स्वीकार किया कि टीम को फील्डिंग पर मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, पूरी सीरीज में कई कैच छूटे. हमारी फील्डिंग के स्तर को देखते हुए ऐसा नहीं होना चाहिए था. दूधिया रोशनी में ओस के कारण ऐसा हो जाता है. कैच छूटने का खामियाजा भुगतना पड़ता है. अगली सीरीज में इस पहलू पर ध्यान देना होगा.
Source : Bhasha