सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) एक ऐसे कप्तान माने जाते थे जो सभी से हटकर फैसला लिया करते थे. कप्तानी के दौरान उनकी सोच सभी से हटकर हुआ करती थी. अब ऐसा ही काम वो BCCI के प्रेजिडेंट बनने के बाद कर रहे हैं. प्रेजिडेंट बनने के बाद ही उन्होंने भारत में पहला डे नाईट टेस्ट मैच कराया. साथ ही डोमेस्टिक क्रिकेट में भी डे नाईट टेस्ट यानी पिंक बॉल (Pink Ball Cricket) से क्रिकेट कराने पर जोर दिया. अब सौरव गांगुली की तरफ से कहा गया है कि भारत को किसी भी टेस्ट सीरीज में कम से कम एक टेस्ट मैच पिंक बॉल से खेलना चाहिए. यानी एक मैच डे नाईट जरूर होना चाहिए. जिससे होगा ये कि टेस्ट के लिए दर्शकों का लगाव और बढ़ेगा.
सौरव गांगुली के अनुसार अगर आपको टेस्ट मैच में दर्शक लाने हैं तो कुछ नया नहीं करना है. बस जो लोगों को अच्छा लग रहा है, उनको वो दीजिए. जब पहला पिंक बॉल टेस्ट भारत में हुआ था, तो पूरा स्टेडियम दर्शकों से भरा हुआ था. यानी फैंस को ये सेगमेंट पसंद आ रहा है. बाहर के देशों में ये बहुत पॉपुलर हो चुका है. भारत में इस पर काम करने की जरूरत है.
अगर भारत में हुए पिंक टेस्ट की बात करें तो भारतीय टीम ने 3 डे नाइट टेस्ट खेले हैं. सबसे पहला डे नाईट ईडन गार्डन्स में हुआ था. जिसमें भारत ने बांग्लादेश को करारी मात दी. इसके बाद दूसरा मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में खेला था. जहां भारत की टीम केवल 36 रन पर ही ऑलआउट हो गई थी. आखिरी पिंक बॉल टेस्ट अहमदाबाद में हुआ था, जिसमें भारत ने 10 विकेट से जीत दर्ज की थी.
आपको बता दें कि डे नाईट टेस्ट मैच को पिंक बॉल टेस्ट इसलिए कहते हैं क्योंकि नाईट में पिंक कलर को आसानी से देखा जा सकता है. इसलिए बॉल को ठीक से देखने के लिए पिंक बॉल का इस्तेमाल किया जाता है.