भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई (BCCI) के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने कहा है कि अगर वह इस दौर में खेल रहे होते तो T20 की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खेल में बदलाव करना पसंद करते. सौरव गांगुली ने भारतीय टीम के लिए एक भी T20 मैच नहीं खेला है, लेकिन उन्होंने 59 आईपीएल मैच खेले हैं.
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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि T20 बहुत महत्वपूर्ण है. सौरव गांगुली टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के साथ सोशल मीडिया पर बात कर रहे थे. इस दौरान उनसे एक फैन ने पूछा कि दादा अगर आप इस युग में पैदा हुए होते तो क्या आप अपने ऑल-राउंड कौशल के साथ टी20 पावर प्लेयर के रूप में खुद को फिर से मजबूत कर लेते या आप वनडे और टेस्ट क्रिकेट की तरह ही खेलते? सौरव गांगुली ने इसका जवाब देते हुए कहा कि नहीं, टी20 बहुत महत्वपूर्ण है. मैंने खुद के खेल में इसके लिए बदलाव किया होता. यहां तक कि मैंने पहले पांच साल तक आईपीएल खेला है. उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि यह आपको खुलकर खेलने की आजादी देता है. मुझे लगता है कि मैंने टी 20 का लुत्फ उठाया था.
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भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 एकदिवसीय खेलने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली उस समय अपने करियर के आखिरी दौर में थे जब इस प्रारूप को देश में अपनाया जा रहा था. उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स की कप्तानी की और फिर पुणे वारियर्स के लिए भी खेले. उन्होंने कहा कि मुझे टी20 खेलना पसंद था, हालांकि मैंने आईपीएल के पहले पांच साल खेले हैं. मुझे लगता है कि मैंने टी20 का लुत्फ उठाया था.
सौरव गांगुली ने 2002 में नेटवेस्ट सीरीज में ऐतिहिासिक जीत पर भी बात की. उन्होंने कहा कि उस जीत के बाद टीम जोश में आ गई थी. पूर्व कप्तान ने कहा, वो शानदार पल था. हम आपे से बाहर हो गए थे, लेकिन यही खेल है. जब आप इस तरह के मैच जीतते हो तो आप ज्यादा जश्न मनाते हो. वह महान मैचों में से एक है जिनका मैं हिस्सा रहा.
(एजेंसी इनपुट)
Source : Sports Desk