श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान दौरे के लिए अपने खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. पाकिस्तानी अखबार 'एक्सप्रेस न्यूज' की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्ड ने कैरेबियाई लीग और कुछ अन्य देशों के टूर्नामेंट में खेलने के इच्छुक कुछ खिलाड़ियों के अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) रोक लिए हैं. बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि लसिथ मलिंगा, निरोशन डिकोवेला और तिसारा परेरा का वेस्टइंडीज की कैरिबियाई लीग फ्रेंचाइजी से करार है. इन्होंने चार सितंबर से 12 अक्टूबर तक होने वाली लीग के लिए एनओसी मांगी थी जो उन्हें अभी तक नहीं दी गई है.
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इसी तरह का मामला ऑलराउंडर इसुरु उडाना के साथ है जिन्हें दक्षिण अफ्रीका में टी-20 टूर्नामेंट खेलना है. इस आशय की रिपोर्ट पहले आ चुकी हैं कि श्रीलंका के कुछ खिलाड़ी पाकिस्तान का दौरा नहीं करना चाह रहे हैं जहां टीम को टी-20 और एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला सितंबर के आखिर और अक्टूबर के शुरू में खेलनी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका बोर्ड ने पाकिस्तान दौरे से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए नौ सितंबर को तीस के करीब खिलाड़ियों को तलब किया है. इन्हें बोर्ड के अधिकारी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा मुहैया कराई गई सुरक्षा योजना की जानकारी देंगे.
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इस बैठक में देश के खेल मंत्री बीरन फर्नाडो शामिल नहीं होंगे लेकिन बाद में वह खिलाड़ियों से मिलेंगे. खेल मंत्री ने पहले ही टीम के साथ पाकिस्तान जताने की इच्छा जताई हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि टीम के सदस्यों लसिथ मलिंगा, एंजलो मैथ्यूज, दिमुथ करुणारत्ने, कुशाल परेरा, कुशाल मेंडिस, लाहिरु थिरिमाने ने भी पाकिस्तान जाने के प्रति अनिच्छा जताई है.
साल 2009 में श्रीलंका की टीम पर हमले के बाद से पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट लगभग ठप है. केवल जिम्बाब्वे और वेस्टइंडीज की टीमों ने ही एकदिवसीय मैचों के लिए यहां बीते कुछ सालों में दौरा किया है. सुरक्षा कारणों से कोई देश अपनी टीम अभी पाकिस्तान भेजने के लिए तैयार नहीं दिख रहा है. ऐसे में पीसीबी ने श्रीलंका के दौरे पर काफी आस लगाई हुई है.
Source : आईएएनएस