मैच फिक्सिंग नाम का जिन्न एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में घुसपैठ कर रहा है, इसकी जांच की जा रही है. कुछ महिला खिलाड़ियों ने तो खुद ही कुछ सट्टेबाजों के उनसे सम्पर्क किए जाने की शिकायत की थी. इसके बाद आईसीसी के कान खड़े हुए और पड़ताल शुरू की गई. एक वक्त ऐसा भी था कि कुछ खिलाड़ियों को छोड़ दें तो पूरी की पूरी टीम ही मैच फिक्सिंग की जद में आ गई थी. इसमें कुछ खिलाड़ी दोषी करार दिए गए, उन पर प्रतिबंध भी लगा, लेकिन कुछ खिलाड़ी पाक साफ होकर बाहर निकले.
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अब ऐसे ही वक्त में दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी मैच फिक्सिंग पर अपनी बात रखी है. गावस्कर ने कहा है कि लालच का कोई इलाज नहीं है. हाल ही में तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) और कर्नाटक प्रीमियर लीग (KPL) में मैच फिक्सिंग की कई खबरें सामने आई थीं.
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वेबसाइट क्रिकबज ने गावस्कर के हवाले से लिखा है कि लालच ऐसी बला है जिसे शिक्षा, मार्गदर्शन, सेमिनार या भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी नहीं सुधार सकते. सर्वश्रेष्ठ समाज, सबसे ज्यादा विकसित समाज में भी अपराधी होते हैं. क्रिकेट में भी आपके पास अलग तरह के लोग होते हैं जो लालच में आ जाते हैं. इसके अलग कारण हो सकते हैं कि जिनकी वजह से लोग इसके लिए बाध्य हो जाते हैं. मैं समझता हूं कि आप इसे नियंत्रित नहीं कर सकते."
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गावस्कर ने हालांकि कहा कि अब तकनीक के माध्यम से इस बात को सुनिश्चित किया जाता है कि ऐसे लोग बच नहीं पाएं. उन्होंने कहा कि मैं उन स्थितियों को समझ सकता हूं जहां खिलाड़ी सोचता है कि वह इससे बच निकलेगा, लेकिन आप बच नहीं सकते क्योंकि इसे टीवी पर दिखाया जा रहा है, हर एक छोटी चीज दिखाई जा रही है. आप कुछ गलत करते हैं तो पकड़े जाएंगे."
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के मामले सामने आने के बाद भी भारत के पूर्व कप्तान को लगता है कि इन टूर्नामेंट्स को लोगों का समर्थन हासिल है और यह भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि आप जिलों से आ रही प्रतिभाओं को देखिए. उदाहरण के तौर पर कर्नाटक प्रीमियर लीग, कई लोग राज्य के अंदरुनी इलाकों से आए हैं जिन्हें कर्नाटक के सर्वश्रेष्ठ जौहरी भी शायद नहीं निकाल पाते." उन्होंने कहा कि यही टीएनपीएल और बाकी की अन्य लीगों के साथ है. मुझे लगता है कि यह लीग काफी अच्छी हैं. यह भारतीय क्रिकेट को और ज्यादा प्रतिभाएं दे रही हैं."
Source : आईएएनएस