भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के मामले की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एम. सप्रे की खंडपीठ के समक्ष होनी थी लेकिन गुरुवार को संबंधित पीठ के नहीं आने पर यह नहीं हो सका. इससे पहले इसकी सुनवाई 25 अप्रैल को स्थगित की गई थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कई अंतरिम आवेदनों के लंबित होने पर एमिकस क्यूरी पी.एस. नरसिम्हा ने लोढ़ा समिति (Lodha Committe) के प्रस्तावों पर राज्य संघों की आपत्तियों पर चर्चा करने के लिए 24 अप्रैल को प्रशासकों की समिति (सीओए (COA)) के तीन सदस्यों के साथ-साथ राज्य क्रिकेट इकाइयों के अधिकारियों से मुलाकात की थी.
और पढ़ें: IPL12, CSK vs DC: चेन्नई से मिली करारी हार के बाद जानें क्या बोले कप्तान अय्यर
एमिकस क्यूरी ने राज्य संघों को बताया था कि अपना अनुदान पाने के लिए उन्हें अपने संगठन को लोढ़ा समिति (Lodha Committe) की सिफारिशों के अनुसार पंजीकृत करना होगा.
राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि नरसिम्हा के साथ बैठक इस उद्देश्य के साथ की गई थी कि राज्य संघों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान दिया जाए और उनका समाधान निकाला जाए.
और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई मामले पर सुनवाई में हुई और देरी, अगली तारीख 2 मई
अधिकारी ने कहा, 'एमिकस ने सीओए (COA) के साथ मिलकर राज्य संघों के अधिकारियों से बातचीत की और राज्य संघों ने सर्वोच्च अदालत में अपने मुद्दों को लेकर जो याचिका दायर की है उसका समाधान निकालने की कोशिश की. ऐसा महसूस किया गया है कि समय के साथ सीओए (COA) का राज्य संघों के प्रति रवैया रूखा हो गया है और इससे न सिर्फ परेशानी बढ़ी है बल्कि खेल के प्रशासन संबंधी कई मुद्दों पर रोक भी लगा दी गई है.'
Source : IANS