भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर सुरेश रैना (Suresh Raina) और पूर्व हरफनमौला इरफान पठान (Irfan Pathan) ने कहा है कि राष्ट्रीय टीम के लिए चयन की दौड़ में जो खिलाड़ी शामिल नहीं हैं, उन्हें विदेशी टी20 लीगों में खेलने की अनुमति मिलनी चाहिए. सुरेश रैना ने इंस्टाग्राम पर एक सत्र में कहा, बीसीसीआई को आईसीसी या विदेशी लीग की फ्रेंचाइजी से बात करके हमें दो अलग अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति देनी चाहिए. वहीं इरफान पठान ने कहा, अलग अलग देशों में अलग अलग सोच होती है. माइक हसी ने आस्ट्रेलिया के लिए 29 वर्ष की उम्र में पदार्पण किया जबकि भारत में यह संभव ही नहीं है. मेरा मानना है कि जब तक आप फिट हों, आपको देश के लिए खेलने के लिए उपलब्ध रहना चाहिए.
यह भी पढ़ें : सफेद दाढ़ी वाले धोनी, फोटो सही है या किसी ने फोटोशॉप किया
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज इरफान पठान और बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा है कि बीसीसीआई को उन खिलाड़ियों जिनका अनुबंध राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं है, उन्हें विदेशी लीगों में खेलने के लिए अनुमति दे देनी चाहिए. इरफान पठान ने खेल के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है, वहीं सुरेश रैना अभी भी राष्ट्रीय टीम में वापसी की आस लगाए बैठे हैं. उन्होंने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई-2018 में खेला था.
यह भी पढ़ें : खाली स्टेडियम में अब क्रिकेट शुरू होना चाहिए, जानिए किसने कही ये बात
सुरेश रैना ने इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम पर बात करते हुए कहा, मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई आईसीसी और फ्रेंचाइजियों के साथ मिलकर इस बात को लेकर रणनीति बनाएगी कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं हैं उन्हें बाहर खेलने की मंजूरी दी जाए. कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति तो मिल ही सकती है. अगर हम विदेशी लीगों में अच्छा कर सके तो यह हमारे लिए अच्छा होगा. काफी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने इन लीगों में खेल कर वापसी की है.
यह भी पढ़ें : विराट कोहली बोले, जहां छोड़ा था, वहीं से शुरू करेंगे
पठान इस सीजन जम्मू एवं कश्मीर टीम के कोच थे. उन्होंने कहा कि जब जम्मू एवं कश्मीर का प्रस्ताव आया तो उनके पास तीन लीगों के प्रस्ताव थे. पठान ने कहा, जब जम्मू एवं कश्मीर टीम ने मुझसे बात की थी तब मेरे पास तीन लीग के प्रस्ताव थे. मैं पहली टीम का नाम नहीं लूंगा मैंने उन्हें साफ मना कर दिया था. दूसरा प्रस्ताव कैरिबियन प्रीमियर लीग से था. मेरे हाथ में करार था बस मुझे मंजूरी लेनी थी और संन्यास लेना था. तीसरा प्रस्ताव टी-10 लीग से था. मुझे सिर्फ संन्यास की घोषणा करनी थी. मैं उस समय नियमों को समझने के लिए बीसीसीआई के चक्कर लगा रहा था. लेकिन मुझे लगा कि जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट की सेवा करने से बेहतर कुछ नहीं है.
(Agency Input)
Source : Sports Desk