भारतीय टीम ने बांग्लादेश को टी-20 सीरीज में हरा दिया है और अब बारी है दो मैचों की टेस्ट सीरीज की है जिसका दूसरा टेस्ट मैच दिन-रात प्रारूप में गुलाबी गेंद से खेला जाएगा. यह भारत और बांग्लादेश दोनों का पहला दिन-रात का टेस्ट मैच होगा. दोनों टीमों में से एक खिलाड़ी ऐसा जरूर है जिसने गुलाबी गेंद से क्रिकेट खेली है और वो हैं भारत के टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा. पुजारा ने 2016 के दलीप ट्रॉफी में कुकाबुरा की गुलाबी गेंद से मैच खेला था. उस सीरीज में पुजारा ने सबसे ज्यादा 453 रन बनाए थे जिनमें दो शतक भी शामिल थे. इंडिया ब्लू से खेलते हुए पुजारा ने नाबाद 256 रन भी बनाए थे. पुजारा ने बात करते हुए गुलाबी गेंद से बल्लेबाजों को आने वाली परेशानी की बात को नकार दिया और कहा कि बल्लेबाजों के नजरिए से चीजें ज्यादा बदली हुई नहीं होंगी.
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उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता है कि जब आप गुलाबी गेंद से खेलना शुरू करते हो तो ज्यादा कोई अंतर होता है. चूंकि मैं एसजी गुलाबी गेंद से नहीं खेला हूं इसलिए मैं पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हूं लेकिन मुझे लगता है कि एजसी गुलाबी गेंद लाल गेंद की तरह की होगी. मुझे लगता है कि भारत में एसजी गेंद की क्वालीटी सुधरी है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई हालिया सीरीज को देखिए, गेंद ने जिस तरह से अपना आकार बनाए रखा उससे खिलाड़ी काफी खुश थे और यहां तक की गेंद की क्वालीटी भी काफी अच्छी थी. इसलिए हम गुलाबी गेंद से भी इसी तरह की उम्मीद कर रहे हैं. हां ये लाल गेंद की अपेक्षा थोड़ी अलग जरूर होगी लेकिन ज्यादा कुछ अंतर नहीं होगा."
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बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में जब भी गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया है वो कुकाबुरा की रही है. वहीं अन्य मैचों में बीसीसीआई एसजी गेंद का इस्तेमाल करती है. कुकाबुरा गेंद से खेलने के अपने अनुभव के बारे में पूछे जाने पर पुजारा ने कहा कि उन्हें यह याद करने के लिए कि गेंद किस तरह का व्यवहार कर रही थी इसके लिए अपनी याद्दाशत पर जोर डालना होगा. उन्होंने कहा, "मैं 2016-17 में खेला था जिसे अब लंबा समय हो चुका है. इसलिए इसे एडवांटेज के रूप में नहीं देखा जा सकता. लेकिन हां, वो अनुभव मददगार जरूर होगा, इसमें कोई शक नहीं है. जब आप गुलाबी गेंद से खेलते हो तो आप जानते हो कि आपको किस समय क्या उम्मीद करनी हैं. इसलिए यह अनुभव मददगार होगा."
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31 साल के खिलाड़ी ने पहले सांझ के समय में आने वाले समस्या के बारे में कहा था. उन्होंने कहा, "कई बार गुलाबी गेंद से खेलना सांझ के समय में चुनौतीपूर्ण होता है. आपको थोड़े बहुत अभ्यास की जरूर होती है और एक बार आप जब गुलाबी गेंद से खेलने लगते हैं तो आप इस सांझ के समय के आदि हो जाते हैं. इसलिए यह मैच से पहले सिर्फ कुछ अभ्यास सत्र की बात है. मुझे जब भी मौका मिलेगा मैं अभ्यास करने की कोशिश करूंगा." बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि गुलाबी गेंद खिलाड़ियों को इंदौर में मुहैया कराई जाएगी जहां दोनों टीमें अपना पहला टेस्ट मैच खेलेंगी. दिन-रात प्रारूप टेस्ट के बारे में पुजारा ने कहा, "हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा लेकिन इस समय यह अच्छा कदम है."
Source : आईएएनएस