इशांत शर्मा (Ishant Sharma) का नाम सुनकर आपके दिमाग में सबसे पहले यही आता होगा कि एक अच्छी खासी लंबाई वाला गेंदबाज जिसकी तेज गेंदें सर के ऊपर से निकल जाती थीं, आज वो कहीं खो सा गया है. 2007 में इशांत का टेस्ट करियर शुरू हुआ था. डेब्यू करते ही टीम की जान बन गए थे शर्मा जी. क्योंकि शुरू से माना जाता है कि भारत तेज गेंदबाजों के मामले में पीछे रहा है, उस दौर में इशांत का आगे निकल कर आना, भारत के लिए किसी तोहफे से कम नहीं था. लेकिन पिछले कुछ सालों से ये तेज गेंदबाज अपनी लय में नहीं है. वो प्रदर्शन उनकी तेज गेंदें नहीं कर पा रहीं हैं जिसके लिए वो जाने जाते थे.
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2020-2021 में इशांत ने 8 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें सिर्फ 14 विकेट ही अपने नाम किए हैं. ये आंकड़े किसी भी हिसाब से इशांत के करियर को देखते हुए वाजिब नहीं लग रहे हैं. हालांकि इशांत का करियर ऐसे ही ऊपर नीचे होता रहा है लेकिन अब हालत बदल गए हैं. अब भारत के पास एक से एक धाकड़ तेज गेंदबाज है और आ रहे हैं. बुमराह, शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव ऐसे वो नाम हैं जो इशांत से बहुत आगे जा चुके हैं. तो ऐसे में ये सवाल जरूर उठना चाहिए कि क्या ये इशांत के लिए आखिरी विदेशी दौरा है. क्या इसके बाद इशांत टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर देंगे.
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अपनी इस हालत के लिए इशांत खुद जिम्मेदार हैं. किसी तेज गेंदबाज का करियर तभी लंबा हो सकता है, जब वो अपनी फिटनेस पर काम करे. इशांत का आधे से ज्यादा करियर चोटों में निकला है. अपने पूरे करियर में 105 टेस्ट मैच इशांत शर्मा ने खेले हैं जिसमें 311 विकेट उन्होंने अपने नाम किए हैं. अब शर्मा जी के आमने अफ्रीका दौरा है. अगर इसमें कुछ चमत्कार खेल वो दिखा देते हैं तो फिर टीम में उनकी जगह बच सकती है. नहीं तो इस सीरीज के बाद संन्यास ही एक विकल्प बचता है.