प्रतिभा प्रबंधन संस्थान कॉर्नरस्टोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बंटी सजदेह ने हितों के टकराव के मामले पर विराट कोहली का बचाव करते हुए सोमवार को कहा कि ‘निहित स्वार्थ’ के कारण सिर्फ अनुमान के आधार पर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने कोहली के खिलाफ शिकायत में आरोप लगाया है कि वह एक साथ दो पदों पर काबिज हैं. वह भारतीय टीम के कप्तान और एक ऐसी संस्था के निदेशक है जिसके सह-निदेशक कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के जुड़े हुए है.
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यह कंपनी टीम के कई खिलाड़ियों के प्रबंधन का काम देखती है. गुप्ता ने आरोप लगाया है कि यह बीसीसीआई के संविधान का उल्लंघन है जो एक व्यक्ति को कई पदों पर रहने से रोकता है. बीसीसीआई के लोकपाल डी.के. जैन ने कहा कि वह गुप्ता के आरोपों की जांच करेंगे. गुप्ता ने इससे पहले भी दूसरे खिलाड़ियों के लिए खिलाफ इस तरह के आरोप लगाये थे, जिन्हें बाद में खारिज कर दिया गया था. सजदेह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह विराट और कॉर्नरस्टोन से जुड़े हितों के टकराव के संदर्भ में है. ऐसे निराधार आरोपों में विराट का नाम बार-बार घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है.’’
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सजदेह ने कहा कि हितों के टकराव का आरोप अनुमान के अलावा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह की अटकलें पूरी तरह से कल्पनाओं पर आधारित हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं. विराट कॉर्नरस्टोन से अनुबंधित विशेष खिलाड़ी है. वह ऐसे ही है जैसे हमारा अनुबंध दूसरी प्रतिभाओं से है. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक जिम्मेदार एजेंसी के रूप में, हम एक बार फिर दोहराते हैं कि इस मामले में विराट या हमारी दूसरी प्रतिभा में से किसी के साथ हितों के टकराव का कोई सवाल ही नहीं है. ’’ सजदेह ने कहा, ‘‘ तीसरे पक्ष के लोग निहित स्वार्थ के कारण दूसरे तरीके से सोचते है.’’
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कोहली की कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड में कोई भूमिका नही है. वह कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर्स एलएलपी और विराट कोहली स्पोर्ट्स एलएलपी में सजदेह के साथ निदेशक है, जिनका आधिकारिक नाम अमित है. गुप्ता द्वारा पेश दस्तावेज सार्वजनिक तथ्यों पर आधारित रहे हैं. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण के खिलाफ भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज की थीं, जिन्हें जैन ने ‘‘खारिज’’ कर दिया था.
सजदेह ने कहा, ‘‘ मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की जांच कर लें. हम अपना व्यवसाय बहुत ही पेशेवर और पारदर्शी तरीके से करते हैं, जिसे समय-समय पर सार्वजनिक प्राधिकरणों के पास दाखिल दस्तावेजों से आसानी से सत्यापित किया जा सकता है’’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले पर हमें इतना ही कहना है.’’ भाषा आनन्द मोना मोना
Source : Bhasha