हर क्रिकेटरों की यही तमन्ना होती है कि वो देश के लिए तीनों फॉर्मेट्स की क्रिकेट खेले. लेकिन इसमें कुछ खिलाड़ी पीछे रहे जाते हैं. तीनों फॉर्मेट्स में अलग-अलग तरह की प्रतिभा की जरुरत होती है. जैसे टेस्ट में विकेट पर टिकना होता है साथ में रन भी बनाने होते हैं. जबकि टी-20 में कम गेंदों पर ज्यादा रन बनाने होते हैं. वहीं वनडे क्रिकेट में गेंद के हिसाब से रन बनाने होते हैं. हर खिलाड़ी खुद को अलग-अलग फॉर्मेट्स के हिसाब से नहीं ढ़ाल पाते हैं और अपनी जगह खो देते हैं.
अजिंक्य रहाणे
अजिंक्य रहाणे की गिनती प्रतीभाशाली क्रिकटरों में होती है। वो टीम इंडिया के लिए सभी फॉर्मेट में क्रिकेट खेल चुके हैं. साल 2011 में डेब्यू के बाद से अब तक रहाणे ने भारत के लिए 90 वनडे और 20 टी20 मैच खेल चुके हैं लेकिन मौजूदा समय में वो टेस्ट स्पेशलिस्ट के तौर पर ही जाने जाते हैं. टी20 क्रिकेट में रहाणे को साल 2016 से ही मौका नहीं दिया गया. इसके साथ ही वनडे क्रिकेट से भी 2018 से ही टीम से दूर हैं. लगभग हर टेस्ट सीरीज में खेलने वाले रहाणे को शायद ही अब कभी वनडे क्रिकेट या टी20 में मौका दिया जाए.
ईशांत शर्मा
कभी टीम इंडिया के अहम हिस्सा रहे ईशांत शर्मा काफी समय से वनडे और टी-20 क्रिकेट से दूर हैं. 80 वनडे मैच खेल चुके ईशांत ने कुल 115 विकेट चटका चुके हैं. लेकिन चयनकर्ताओं ने उन्हें 2016 से एक भी वनडे मैच में खेलने का मौका नहीं दिया. एक कारण है कि कई ऐसे मौके पर जहां ईशांत गेंदबाजी में पीट गए. हलांकि टेस्ट में वो काफी सफल गेंदबाज रहे हैं. वो 100 से अधिक टेस्ट खेल चुके हैं और 300 विकेट भी वो अपने नाम कर चुके हैं. उन्हें टेस्ट में लगातार मौका मिल रहा है लेकिन वनडे और टी-20 से दूर रखा जा रहा है.
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन की गिनती सीनियर ऑलराउंडर के रुप में किया जाता है. वे टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट पूरे करने वाला भारत का तीसरा खिलाड़ी हैं. कभी मैदान पर अश्विन और जडेजा की जोड़ी के आगे विरोधी बल्लेबाजों की पसीने छूट जाते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों से अश्विन वनडे और टी-20 क्रिकेट से दूर हैं. 2017 के बाद से वो भारत के लिए सिर्फ टेस्ट मैच ही खेलते नजर आए हैं. यानि कहीं न कहीं रविचंद्रन अश्विन के वनडे और टी-20 करियर पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है
Source : Sports Desk