पहली बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और उससे जुड़े राज्य संघों के चुनावों में पैम्फ्लेट और पोस्टर्स के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई है. हालांकि यह साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी प्रत्याशी धर्म, जाति के आधार पर वोट नहीं मांगेगा. पत्र के मुताबिक, आचार संहिता यह भी कहती है कि प्रत्याशी वोट मांगने के लिए निर्धारित गिए आधिकारिक 'कैम्पेन पीरियड' में प्रचार कर सकेंगे जो वोटिंग वाले दिन लागू होगा.
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उसमें लिखा है, "एक अलग से कैम्पेन पीरियड को लागू किया गया है जिसमें प्रत्याशी बीसीसीआई के सदस्यों से वोटिंग वाले दिन अपने पक्ष में वोट डालने की अपील कर सकते हैं. अगर पैम्फ्लेट, पोस्टर बांटे जाते हैं तो उनमें धर्म, जात के आधार पर वोट मांगने की अपील नहीं होनी चाहिए. वोटिंग स्थल पर हालांकि पैम्फ्लेट, पोस्टर, बैनर्स को मंजूरी नहीं होगी."
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उन्होंने कहा, "प्रोक्सी वोटिंग को मान्यता नहीं है साथ ही प्रत्याशी सदस्यों को वोटिंग स्थल तक लाने के लिए वाहन का उपयोग भी नहीं कर सकेंगे. कैम्पेन पीरियड के दौरान प्रत्याशी वोट हासिल करने के लिए गलत तरीके जैसे कि रिश्वत, गिफ्ट या शराब का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे." बीसीसीआई का कॉलेज चुनावों की तरह अपने चुनावों का आयोजन करना बोर्ड के कुछ पूर्व और मौजूदा अधिकारियों को पसंद नहीं आ रहा है.
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एक अधिकारी ने कहा, "इस सिस्टम के साथ यही समस्या है. यह खेल संघ के चुनावों को कॉलेज के चुनावों में तब्दील कर रहा है. उन्हें बोर्ड से जुड़ी प्रतिष्ठा का ख्याल रखना चाहिए." एक और अधिकारी ने कहा, "हम बिना पैम्फेलट बांटे और बिना लोगों के घर जाकर आईसीसी के स्तर के अधिकारी रहे हैं. कोई भी क्लास के प्रतिनिधि के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा है."
Source : आईएएनएस