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भारत के तीन ऐसे खिलाड़ी जिन्‍हें कोई गेंदबाज नहीं कर पाया आउट, जानें कौन हैं वे बल्‍लेबाज

भारत में क्रिकेट एक जुनून की तरह है. यहां क्रिकेटरों को बहुत ऊंचा कद हासिल है और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी तो क्रिकेट के भगवान तक कहे जाते हैं.

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Pankaj Mishra
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भारत के तीन ऐसे खिलाड़ी जिन्‍हें कोई गेंदबाज नहीं कर पाया आउट, जानें कौन हैं वे बल्‍लेबाज

फैज फजल फाइल फोटो

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भारत में क्रिकेट एक जुनून की तरह है. यहां क्रिकेटरों को बहुत ऊंचा कद हासिल है और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी तो क्रिकेट के भगवान तक कहे जाते हैं. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बहुत से क्रिकेटर ऐसे हैं, जिन्‍होंने देश की सेवा की. लेकिन कई ऐसे खिलाड़ भी भारत ने दिए, जिन्‍हें कोई गेंदबाज आज तक आउट ही नहीं कर पाया. भारत की बात करें तो अब तक तीन ऐसे क्रिकेटर हुए जो कभी आउट ही नहीं हुए. हालांकि ऐसे खिलाड़ियों का करियर ज्‍यादा दिन नहीं चल पाया और वे भारतीय क्रिकेट से बाहर कर दिए गए. 

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इस सूची में पहला नाम हाल ही में अच्‍छे खेल की दम पर सुर्खियों में आए सौरभ तिवारी का है. सौरभ तिवारी ने साल 2010 में अपना करियर शुरू किया था. उन्‍हें महज तीन एक दिवसीय मैच ही खेलने का मौका मिला. तीन मैचों की दो पारियों में ही उनकी बल्‍लेबाजी आई. इसमें उन्‍होंने 49 रन बनाए. जिसमें उनका सर्वाधिक स्‍कोर नाबाद 37 रन है. उन्‍होंने 87 से भी ज्‍यादा के स्‍ट्राइक रेट से रन बनाए. उन्‍हें टेस्‍ट क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला. सौरभ तिवारी जब भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए तो उनमें पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी की झलक दिखाई दी. सौरभ का भी हेयर स्‍टाइल ऐसा ही था, जैसा करियर की शुरुआत में महेंद्र सिंह धोनी रखते थे. सौरभ ने 136 T-20 मैच खेले और उसकी 118 पारियों में 2582 रन बनाए. उनका औसत 29 का रहा और स्‍ट्राइक रेट 121 से भी ज्‍यादा का था. हालांकि सौरभ तिवारी ज्‍यादा दिन तक टीम में नहीं रह पाए, लेकिन लोग सौरभ तिवारी को जानते जरूर हैं.

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इस फेहरिस्‍त में दूसरा नाम फैज फजल का आता है. हालांकि कुछ लोगों को छोड़ दें तो ज्‍यादा लोग उनका नाम नहीं जानते. साल 2016 में उन्‍हें अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिला. वे सिर्फ एक ही मैच खेल सके. इस मैच में उन्‍होंने नाबाद 55 रन की पारी खेली थी. जिसमें उनका स्‍ट्राइक रेट 90 से भी ज्‍यादा का रहा. अपने पहले ही मैच में बिना आउट हुए पचासा मरने के बाद भी उन्‍हें अभी तक दूसरा मैच खेलने के लिए नहीं मिला और वे टीम से बाहर हो गए. फैज फजल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट और ए टीम के लिए काफी मैच खेले, जिसमें उन्‍होंने शानदार प्रदर्शन भी किया. साल 2007 से लेकर 2018 तक उन्‍होंने T-20 मैच खेले और शानदार खेल दिखाया. फैज फजल ने 56 मैच खेले, जिसमें 20 के औसत से एक हजार से ज्‍यादा रन बनाए. जिसमें उन्‍होंने तीन अर्द्धशतक भी जमाए. एक ही मैच में अच्‍छा प्रदर्शन तक वे टीम से बाहर हो गए और चयनकर्ताओं ने भी उन्‍हें भुला दिया.

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अब बात तीसरे क्रिकेटर की. उनका नाम है भरत रेड्डी. आजकल के क्रिकेट प्रेमी उन्‍हें नहीं जानते होंगे. वे साल 1978 में भारतीय टीम में शामिल हुए थे. भारत रेड्डी ने भारत के लिए तीन एक दिवसीय मैच खेले, जिसमें से दो बार उन्‍हें बल्‍लेबाजी का मौका मिला. इन दो पारियों में उन्‍होंने कुल 11 रन बनाए. जब दो बार उनकी बल्‍लेबाजी आई तो दोनों बार उन्‍हें कोई बल्‍लेबाज आउट ही नहीं कर पाया. वे विकेट कीपर बल्‍लेबाज की हैसियत से टीम में आए थे. उन्‍होंने विकेट की पीछे दो कैच भी पकड़े. लेकिन तीन ही मैचों में मौका मिलने के बाद उन्‍हें भी भुला दिया गया. भरत रेड्डी चेन्‍नई के हैं और दाएं हाथ से बल्‍लेबाजी करते थे. भारतीय क्रिकेट के इन तीन बल्‍लेबाजों को कोई गेंदबाज आउट नहीं कर सकता, लेकिन इनका करियर बहुत लंबा नहीं खिंच पाया और वे ज्‍यादा दिन नहीं खेल सके.

Source : पंकज मिश्रा

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