1. पाकिस्तान के प्रतिबंधित लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष बनाए जाने का समर्थन किया है. दानिश कनेरिया ने कहा है कि अगर सौरव गांगुली आईसीसी (ICC) के चेयरमैन बनते हैं तो फिर से आईसीसी में अपने ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ अपील करेंगे. दानिश कनेरिया ने कहा, मैं गांगुली से अपील करूंगा और मुझे यकीन है कि आईसीसी मेरी हर तरह से मदद करेंगे. सौरव गांगुली एक बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं. वह बारीकियों को समझते हैं. आईसीसी अध्यक्ष की भूमिका के लिए उनसे बेहतर कोई उम्मीदवार नहीं है. दानिश कनेरिया ने कहा, अगर वह आईसीसी चेयरमैन बनते हैं तो वह हमारी आवाज बनेंगे, दुनिया भर के क्रिकेटरों की आवाज, जो समस्या में हैं. कम से कम खिलाड़ी होने के नाते वह हमारी बात सुनेंगे. दानिश कनेरिया ने कहा कि एक क्रिकेटर और प्रशासक के रूप में अनुभव सौरव गांगुली को आईसीसी चेयरमैन पद की सर्वश्रेष्ठ पसंद बनाता है.
2. पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान माइकल क्लार्क को ऑर्डर ऑफ आस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया है. यह एक तरह का सम्मान है जो कि किसी उपलब्धि या सेवा के लिए दिया जाता है. 39 वर्षीय क्लार्क को ऑर्डर ऑफ आस्ट्रेलिया के सामान्य डिवीजन में अधिकारी नियुक्त किया गया है. उनकी कप्तानी में आस्ट्रेलिया ने 2015 में विश्व कप जीता था. क्लार्क ने आस्ट्रेलिया के लिए 115 टेस्ट, 245 वनडे और 34 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश : 8643, 7981 और 488 रन बनाए हैं. क्लार्क ने इस खबर की जानकारी देते हुए इंस्टाग्राम पर कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने के बाद मुझे पता नहीं है कि मैं कैसे इसका आभार व्यक्त करूं. मैं बहुत हैरान हूं लेकिन साथ ही बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं. यह कहना मेरे लिए गर्व की बात है कि क्रिकेट ने मुझे उससे बढ़कर दिया है, जिसके बारे में मैंने कल्पना की थी.
3. एक समय समझा गया था कि उनमुक्त चंद वह क्रिकेटर हैं जो विराट कोहली के नक्शेकदम पर चलने की सलाहियत रखते हैं और जो भविष्य में भारत की सीनियर टीम का नियमित सदस्य बनेंगे. लेकिन, 2012 में भारत को अंडर-19 विश्व कप दिलाने वाला यह कप्तान अपनी काबिलियत पर खरा नहीं उतर सका. उन्मुक्त चंद ने कहा कि जाहिर सी बात है कि किसी भी अंडर-19 खिलाड़ी के लिए विश्व कप काफी अहम है. यह काफी सालों की मेहनत होती है, जूनियर से लेकर अंडर-16 और फिर उससे आगे. किसी भी जूनियर खिलाड़ी के लिए वहां तक पहुंचना बहुत बड़ी बात है और निश्चित तौर पर विश्व कप जीतना भी बड़ी बात है. उन्मुक्त चंद ने कहा, चार साल पहले मैंने देखा था कि विराट भइया टीम की कप्तानी कर रहे हैं और विश्व कप जीत कर आए हैं. वो मेरी यादों में ताजा था इसलिए प्रभाव काफी ज्यादा पड़ा. मुझे पता है कि कहानी अलग हो सकती थी. ऐसा नहीं है कि आप हमेशा अपने आप भारत के लिए खेलोगे लेकिन उस समय मेरे लिए अंडर-19 विश्व कप जीतना काफी अहम था. उन्मुक्त ने कहा कि 2012 के बाद से वह लगातार रन बना रहे थे और उन्होंने इंडिया-ए की कप्तानी भी की थी, लेकिन सीनियर टीम से कभी उन्हें बुलावा नहीं आया.
4. पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने दिग्गज तेज गेंदबाज जहीर खान की तारीफ करते हुए सोमवार को कहा कि श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दर्शाया है. लक्ष्मण ने ट्विटर पर कहा, उनमें बड़े सपने देखने की हिम्मत थी और उन सपनों का पीछा करने की ठान ली थी. श्रीरामपुर से निकलकर कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले जहीर खान की सफलता ने उनके चरित्र की ताकत को दशार्या है. उन्होंने कहा, काउंटी क्रिकेट में वोरसेस्टरशॉयर के लिए खेलते हुए उन्होंने जो सफलता हासिल की, उसने उनके करियर को फिर से परिभाषित किया और इसने उन्हें आरामदायक जोन में ला दिया. जहीर ने अक्टूबर 2000 में केन्या के खिलाफ वनडे मैच से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. वह 2003 विश्वकप में आशीष नेहरा और जवागत श्रीनाथ के साथ भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का हिस्सा भी थे. हालांकि उसके बाद जहीर की फॉर्म बिगड़ती गई और वह चोटों से भी घिर गए और टीम से बाहर हो गए.
5. फिरकी गेंदबाज कुलदीप यादव को लगता है कि गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल करने की बचपन की आदत से एकदम से छुटकारा पाना आसान नहीं है लेकिन अभ्यास के इन दिनों में यह चाइनामैन गेंदबाज कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई नयी परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने में लगा हुआ है. अनिल कुंबले की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की क्रिकेट समिति ने हाल में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लार का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी. किसी भी गेंदबाज के लिए इन परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना आसान नहीं होगा और इनमें कुलदीप भी शामिल हैं. भारत की तरफ से छह टेस्ट और 60 वनडे खेल चुके कुलदीप ने कहा, बचपन से गेंद को चमकाने के लिए सभी क्रिकेट खिलाड़ी लार का इस्तेमाल करते है लेकिन अब कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण ऐसा करने पर मनाही हो गई है, जिससे गेंदबाजो के लिये काफी मुश्किल होगी क्योंकि यह लार लगाने की आदत आज की नहीं बरसों पुरानी है.
Source : Sports Desk