भारत ने अंडर19 विमेंस वर्ल्ड कप 2023 का खिताब अपने नाम कर लिया है. टीम इंडिया ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर अंडर19 टी20 विश्व विजेता बनी. भारतीय टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैड 17.1 ओवर में 68 रनों पर ऑल आउट हो गई. जवाब में टीम इंडिया ने 14 ओवर में तीन विकेट खोकर 69 रन बनाकर वर्ल्ड चैंपियन बन गई. इस मैच में टिटास साधू ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. उनको प्लेयर ऑफ द् मैच चुना गया. आज हम आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिनको शायद आप इससे पहले नहीं जानते होंगे.
1.शेफाली वर्मा (Shafali Verma): हरियाणा के रोहतक जिले की शेफाली वर्मा भारतीय अंडर19 टीम की कप्तानी की. उन्होंने कप्तानी रोल निभाते हुए टीम इंडिया को विश्व विजेता बनने में अहम भूमिका निभाई है. वह इससे पहले सीनियर लेवल पर तीन वर्ल्ड कप फाइनल खेल चुकी हैं. इसके साथ सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में अर्धशतक बनाने वाली खिलाड़ी भी हैं.
2. श्वेता सेहरावत (Shweta Sehrawat): दक्षिणी दिल्ली की रहने वाली श्वेता सेहरावत ने क्रिकेट से पहले वॉलीबॉल, बैडमिंटन और स्केटिंग में हाथ आजमाया. लेकिन सफल वह क्रिकेट में ही हुईं. श्वेता अंडर19 वर्ल्ड के सफर में टीम इंडिया के लिए जीत की राह बनीं. वह फाइनल मैच में जरुर रन नहीं बना पाईं, लेकिन उन्होंने टूर्नामेंट में 99.00 की बेहतरीन औसत से 297 रन बनाईं. इस वर्ल्ड कप के सफर पर जब भी गौर किया जाएगा, उनके योगदान को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर पाएगा.
3. सौम्या तिवारी (Soumya Tiwari): भोपाल की रहने वाली सैम्या कपड़े धोने के लिए अपनी मां द्वारा यूज किए जाने वाले लकड़ी के पैडल से क्रिकेट खेलना शुरू किया. वह एक चुनाव पर्यवेक्षक की बेटी हैं. शुरुआती दिनों में उनको कोच सुरेश चियानानी ने कोचिंग देने से मना कर दिया. लेकिन आज उन्होंने टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई. उन्होंने फाइनल मैच में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 37 गेंदों मे 24 रनों की पारी खेली. सौम्या के बल्ले से ही विजयी रन निकले.
4. गोंगडी त्रिशा (Gongdi Trisha): तेलंगाना की रहने वाली गोंगडी रेड्डी ने भी टीम इंडिया को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए खिताबी मुकाबले में उन्होंने 29 गेंदों का सामना करते हुए 24 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली. उनकी मां गोंगडी रेड्डी पूर्व अंडर-16 राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी भी रह चुकी हैं. उनके करियर को आगे बढ़ाने के लिए उनके पिता भद्राचलम मे अपनी चार एकड़ पैतृक जमीन भी बेच दी थी. उन्होंने अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाया.
5. हर्षिता बसु (Harshita Basu): कोलकाता के हावड़ा की रहने वाली हर्षिता बसु भी गली क्रिकेट खेलते-खेलते आगे बढ़ी और आज अंडर19 वर्ल्ड चैंपियन बन गईं. हर्षिता बसु बंगाल क्रिकेट संघ के जमीनी विकास कार्यक्रम से उभरने वाली तीसरी खिलाड़ी हैं. हर्षिका का भी वर्ल्ड कप का सफर काफी शानदार रहा.
6. ऋचा घोष (Richa Ghosh): पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की रहने वाली ऋचा घोष तूफानी बल्लेबाज हैं. वह टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को अपना आदर्श मानती हैं. पिता मनबेंद्र घोष ने उनकी बल्लेबाजी को सुधारने में काफी भूमिका निभाई. ऋचा ने पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की सीरीज में 36 और 26 की अहम पारियों से सुर्खियां बटोरीं थी.
7. टिटास साधू (Titas Sadhu): बंगाल की रहने वाली टिटास साधू अंडर19 भारती महिला टीम की अहम सदस्यों में से एक हैं. उनकी गेंदबाजी के आगे दिग्गज बल्लेबाजों के पसीने छूट जाते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच में उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की. उन्होंने 4 ओवर की गेंदबाजी की छह रन खर्च कर दो विकेट अपने नाम किया था. टिटास साधू के पास दोनों तरह से स्विंग कराने की क्षमता है.
8. सोनम यादव (Sonam Yadav): यूपी के फिरोजाबाद की रहने वाली सोनम यादव ने लड़को के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था. पिता मुकेश कुमार ने उनकी रुचि को देखते हुए एक अकादमी में दाखिला दिलाया. सोनम यादव एक बल्लेबाज बनना चाहती थीं, लेकिन उनके कोच ने गेंदबाजी की सलाह दी. जिसके बाद वह गेंदबाजी करने लगीं. फाइनल मैच में उन्होंने 1.1 ओवर की गेंदबाजी की थी, तीन रन खर्च कर एक विकेट लिया था. उनके पिता मुकेश कुमार एक ग्लास फैक्ट्री में काम करते हैं.
9. मन्नत कश्यप (Mannat Kashyap): पंजाब के पटियाला जिले की रहने वाली मन्नत कश्यप तेज गेंदबाजी करती हैं. शुरुआती दिनों में लड़कों के साथ गली क्रिकेट खेलना शुरू किया. लेकिन चचेरे भाई के सलाह पर अपनी खेल को गंभीरता से लिया और आज टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने वाले अहम सदस्यों में के एक हैं. वह हवा में तेज हैं, सोनम यादव से भी अच्छा उनका ऐक्शन है.
10. अर्चना देवी (Archana Devi): यूपी के उन्नाव जिले के रतई पुरवा गांव की रहने वाली अर्चना देवी ने गरीबी को झेला है. क्रिकेट करियर शुरु होता इससे पहले ही उन्होंने अपने पिता को कैंसर की वजह से खो दिया. इसके बाद उन्होंने अपने भाई बुद्धिराम को सांप काटने की वजह से खो दिया. इतना सबकुछ झेलने के बाद भी अर्चना का हौसला नहीं टूटा और आज वह टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने वाले अहम सदस्यों में से एक हैं.
11. पार्श्वी चोपड़ा (Parshvi Chopra): यूपी के बुलंदशहर की रहने वाली पार्श्वी चोपड़ा स्केटिंग की काफी शौकीन थी लेकिन वह क्रिकेट देखने की भी शौकीन थी. पहले प्रयास में उनका चयन नहीं हुआ था, लेकिन एक साल बाद स्टेट ट्रायल में उनका चयन हुआ. पार्श्वी ने अपनी बल्लेबाजी से टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाई. फाइनल मुकाबले में 4 ओवर की गेंदबाजी की थी, 13 रन खर्च कर दो विकेट अपने नाम किया था.
12. फलक नाज (Falak Naaz): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले की रहने वाली फलक नाज अंडर19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय स्क्वाड का हिस्सा थीं. तेज गेंदबाजी करने वाली फलक ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वार्मअप मैच में अपने टैलेंट को एक बार फिर सबके सामने रखा था. उन्होंने तीन ओवरों की गेंदबाजी की थी, इस दौरान वह 11 रन खर्च की थी. उनके पिता नासिर अहमद यूपी के एक स्कूल में चपरासी का काम करते हैं.
13. हर्ली गाला (Hurley Gala): मुंबई की रहने वाली हर्ली ने 15 साल की उम्र में अपनी पहली शुरुआत की. घरेलू मैच में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के विकेट लेकर ध्यान आकर्षित किया.
14. सोनिया मेधिया (Sonia Medhiya): हरियाणा राज्य की रहने वाली सोनिया भी अंडर19 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय स्क्वाड का हिस्सा थीं. उन्होंने टूर्नामेंट के चार मुकाबले खेले. जिसमें उन्होंने पांच ओवर की गेंदबाजी कर 30 रन खर्च किया था.
HIGHLIGHTS
- वर्ल्ड चैंपियन बेटियों की रोचक है जिंदगी की कहानी
- कई बेटियां तो लड़कों के साथ खेलती थी क्रिकेट
- कुछ बेटियों को मिला परिवार का साथ