राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शौकिया तौर पर क्रिकेट खेलने वाली उत्तराखंड की एक टीम ने लॉकडाउन के कारण परेशानियां झेल रहे प्रवासी लोगों की मदद करके भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) को भी अपना मुरीद बना दिया. उत्तराखंड पैंथर्स नाम की इस टीम के सदस्यों ने मिलकर गाजियाबाद में अपने घरों को लौट रहे हजारों प्रवासियों को तीन दिन तक भोजन और पानी उपलब्ध कराया. इसके बाद कप्तान विराट कोहली ने वीडियो संदेश भेजकर उनकी हौसलाअफजाई की. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने संदेश में कहा, नमस्कार उत्तराखंड पैंथर्स. मैंने अपने जानने वालों से आपकी तस्वीरें देखी. आप इस समय बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. दूसरों की मदद करने से बड़ा कोई काम नहीं होता और जिस लगन के साथ यह काम कर रहे हैं उसे देखकर बहुत खुशी हुई. भारतीय कप्तान ने कहा, मैं यही प्रार्थना करूंगा कि आपको ऐसा काम करने की और शक्ति मिले. पूरी मेहनत से इसे करते रहिये.
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विराट कोहली के संदेश से यह पूरी टीम बेहद उत्साहित है. प्रवासियों की मदद के लिए पूरी टीम को एकत्रित करने वाले नरेंद्र नेगी ने कहा कि उनके एक मित्र ने विराट कोहली की पत्नी और बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को ये तस्वीरें भेजी थी. नरेंद्र नेगी ने ‘भाषा’ से कहा, मेरे एक दोस्त हैं और वे अनुष्का शर्मा के परिचित हैं. उन्होंने अनुष्का शर्मा और विराट कोहली को तस्वीरें भेजी जिसके बाद कोहली ने हमारे लिए वीडियो संदेश भेजा था.
He exclusively made a video for a team called UTTARAKHAND PANTHERS & sent them who're doing some great word during this pandemic.@imVkohli ❤️ pic.twitter.com/Gbl4mOcziP
— Anu 💅 (@virat_always) May 19, 2020
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उत्तराखंड पैंथर्स नाम की इस टीम को जब अपने घरों को लौट रहे लोगों की दुर्दशा का पता चला तो उन्होंने उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की. नरेंद्र नेगी ने कहा, हमारी एक क्रिकेट टीम है जिसमें उत्तराखंड के प्रवासी शामिल हैं. हम स्थानीय स्तर के टूर्नामेंटों में हिस्सा लेते हैं. लॉकडाउन के दिनों में एक दिन दवाई लेने के लिये मैं वैशाली गया तो मैंने देखा कि लोग भूखे प्यास पैदल घरों को जा रहे हैं, इसके बाद हमारी टीम ने उनकी मदद करने का फैसला किया. उन्होंने कहा, हमें पुलिस ने बताया कि नगर निगम के एक स्कूल में हजारों मजदूरों को रखा गया है. हम सभी दोस्तों ने पैसे जुटाए. कुछ स्थानीय लोगों ने भी हमारी मदद की. हमने स्कूल में रहने वाले मजदूरों के लिए लगातार तीन दिन तक खाने पीने की व्यवस्था की. हमने इसमें कैटरिंग वाले से मदद ली थी.
Source : Bhasha