भारतीय क्रिकेट प्रबंधन में एक बार फिर विचारों में मतभेद की बात जगजाहिर होती दिख रही है. विक्रम राठौर को इंडिया-ए और अंडर-19 टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया है जहां हितों का टकराव सामने आया है. विक्रम अंडर-19 टीम के चयनकर्ता अशीष कपूर के रिश्तेदार हैं और यहीं एक बार फिर हितों के टकराव का पेंच फंस गया है. ऐसी भी खबरें हैं कि महानिदेशक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम ने ही प्रशासकों की समिति (सीओए) के मुखिया विनोद राय को विक्रम का नाम सुझाया था.
उधर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई (BCCI)) के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने एक पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताई है. इस पत्र की प्रति आईएएनएस के पास है जिसमें आरोप लगाया गया है कि इस पूरी प्रक्रिया में राहुल द्रविड़ के नाम का गलत इस्तेमाल हुआ है. इससे भी ज्यादा अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने कहा है कि लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट पर अधिकार जमाने वाले जमींदार एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं और इसे अपने तरीके से चलाना चाहते हैं.
अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने बीसीसीआई (BCCI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को लिखे पत्र में कहा है कि क्या ब्रिटेन के रहने वाले शख्स को इंडिया-ए टीम का बल्लेबाजी कोच नियुक्त करने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था? राठौर की नियुक्ति से आहत अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने कहा है कि वह इस पद की नियुक्ति के लिए दिए गए किसी भी तरह के इश्तेहार से वाकिफ नहीं हैं.
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अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने लिखा, 'मैंने आज मीडिया में आई उस खबर को देखा जिसमें विक्रम राठौर को इंडिया-ए का बल्लेबाजी कोच नियुक्त करने की बात कही गई है. इसे देखकर मैं हैरान हो गया क्योंकि मैंने इस पद के लिए कहीं भी किसी तरह का इश्तेहार नहीं देखा. एक और मुद्दा मैं यहां उठाना चाहूंगा वो है विज्ञापन प्रक्रिया को नजरअंदाज करने का.'
अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने लिखा, 'वह क्या प्रक्रिया थी जिसे अपनाया गया? किसने पहले कहा कि बल्लेबाजी कोच की जरूरत है (जब राहुल द्रविड़ जैसा इंसान वहां कोच है) और किसने विक्रम राठौर का नाम सुझाया? राहुल को जानते हुए मैं यह कह सकता हूं कि अगर उन्होंने नाम सुझाया होता तो वह यह नहीं कहते कि विक्रम की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया का पालन नहीं करना चाहिए.'
पत्र में लिखा है, 'मैंने देखा है कि मीडिया में हितों के टकराव का मामला भी सामने आया है और चूंकि हितों के टकराव का मुद्दा बीते ढाई साल से सार्वजनिक है, ऐसे में मैं इस बात से हैरान हूं कि इस बारे में उस इंसान को नहीं पता जिसने यह फैसला लिया.'
अपने आरोपों को आगे बढ़ते हुए कार्यवाहक सचिव ने लिखा है कि करीम और विक्रम ने एक साथ चयनकर्ताओं के तौर पर काम किया है और इस बात को भुलाना बेहद मुश्किल है. अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने अपने पत्र में कहा है कि भाईभतीजावाद सामने है.
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अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने लिखा, 'सबा करीम और विक्रम राठौर ने चार साल राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में काम किया है. मैं इस बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं कि इस बात का पता किसी को नहीं था. इसके अलावा, विक्रम के पास ब्रिटेन का पासपोर्ट है, ऐसे में क्या विदेशी कोच नियुक्त करने का फैसला सर्वसम्मित से लिया गया था?'
अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने लिखा है कि उन्होंने फोन और मैसेज के माध्यम से करीम से बात करने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहे.
इस मामले में दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई (BCCI) का कामकाज देखने के लिए नियुक्त की गई सीओए के अध्यक्ष राय ने कहा है कि विक्रम की नियुक्ति में पूरी तरह से प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है.
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अमिताभ चौधरी (Amitabh Choudhary) ने लिखा, 'क्या उस शख्स को नियुक्त कर लिया गया है? देखिए अगर मैं बैंक चेयरमैन को नियुक्त करूंगा तो पहले मैं जांच करूंगा और इसके बाद मैं उसकी नियुक्ति की सिफारिश करूंगा. इसलिए उनके विवादास्पद बयान पर गौर किया जाना चाहिए और आज यह सामने आया कि कुछ भी गलत नहीं हुआ था. जो बात मायने रखती है वो यह है कि क्या उन्होंने सही कहा और माना कि वह कपूर के रिश्तेदार हैं. तब आचार संहिता अधिकारी को यह फैसला करना था कि यह हितों का टकराव है या नहीं.'
Source : IANS